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त्रासदी का अध्याय साहस के प्रसंग

Outlook Hindi|September 02, 2024
बाढ़ में बह गई बस्तियां ही बस्तियां, मौत हौसला फिर भी कम कर न सकी, केरल की भीषण तबाही के बीच जीवन की उम्मीद की कहानी
- शाहीना केके
त्रासदी का अध्याय साहस के प्रसंग

भूस्खलन से मची तबाही वाली त्रासद रात को याद करते हुए राहत शिविरों में रह रहे लोग अब भी सिहर उठते हैं। इस हादसे के दुख और सदमे से वे उबर नहीं पाए हैं। कई लोग अपने परिजनों की लाश के इंतजार में हैं, जो भूस्खलन में लापता हो गए हैं। हादसे से पहले हुई बारिश के अनुभव उनसे पूछना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। उन्हें बस इतना याद है कि संभावित तबाही की पूर्वचेतावनी उन्हें दी गई थी। उसके बाद क्या हुआ, उन्हें याद नहीं।

चूरलमाला के सुरेश को याद है कि एक दिन पहले उन लोगों से महफूज जगहों पर चले जाने को कहा गया था, "मुझे बताया गया था कि पंचायत ने चेतावनी जारी की है, लेकिन सवाल है कि हम जाते कहां ? हमारे पास जाने को कोई जगह ही नहीं है।" वे अपने बगल में बैठे सतीश को सांत्वना देने की कोशिश में थे, जो अपने तेरह साल के बेटे के गुम हो जाने से सदमे में थे। सुरेश के मन में गुस्सा है लेकिन इसका दोष किसे दिया जाए, उन्हें नहीं मालूम।

वायनाड में राहतकर्मियों के बचाव कार्य के बीच लोग बात कर रहे थे कि हादसे की तैयारी में कहीं, तो चूक हुई है। कई लोगों का मानना है कि इलाका खाली करा लिया गया होता, तो इतनी मौतें नहीं हुई होतीं। हालांकि बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जमीन जायदाद छोड़कर जाने से इनकार कर दिया था। इस मामले में सबसे सही राय वे स्थानीय राहतकर्मी दे रहे हैं, जिन्हें पहले भी ऐसे हादसों की सूरत में इलाके खाली करवाने का तजुर्बा है।

ऐसे ही एक स्वैच्छिक कार्यकर्ता बशीर बताते हैं, "पुथुमाला में जब 2019 में भूस्खलन हुआ था, तो पूर्व-चेतावनी और उसके बाद की गई कार्रवाइयों के सहारे हमने मृतकों की संख्या ज्यादा होने से रोक दिया था।" बशीर पेशे से वकील हैं और प्परडी के रहने वाले हैं। वायनाड़ के पुथुमाला में हुए हादसे के बाद वे बचाव कार्य में काफी सक्रिय थे। भूस्खलन मुथप्पन की पहाड़ियों में हुआ था। इन पहाड़ियों के एक ओर मलप्पुरम और दूसरी ओर वायनाड़ है। इस दुर्घटना में एक तरफ कवलप्परा और दूसरी तरफ पुथुमाला में गंभीर असर पड़ा था। कुल 56 लोग मारे गए थे। पुधुमाला में मेप्पडी के पास सबसे ज्यादा 17 लोगों की जान गई थी।

Denne historien er fra September 02, 2024-utgaven av Outlook Hindi.

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