गांधी को शांति सेना पर पुनर्विचार
Outlook Hindi|October 14, 2024
आज के दौर में जब अशांति सेनाओं को संरक्षण दिया जाता है और शांति सेना का दमन किया जाता है, यह काम कठिन हो गया है
अरुण कुमार त्रिपाठी
गांधी को शांति सेना पर पुनर्विचार

विनोबा के सर्वोदय और जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का गहन अध्ययन करने वाले ब्रिटिश राजनीतिशास्‍त्री जियोफ्रे आस्टरगार्ड से उनकी किताब का शीर्षक (नान वायलेंट रिवोल्यूशन इन इंडिया) उधार लेते हुए कहा जा सकता है कि भारत में अहिंसक क्रांति न तो विफल हुई न बंद हुई है। अहिंसा का असर धीरे-धीरे होता है इसलिए वह अपना असर दिखाती रहती है। पिछले 7-8 अगस्त 2024 को गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली में आयोजित देश भर के गांधीजन के सम्मेलन से यह बात प्रकट होती दिखी। प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और सम्मेलन के आयोजक कुमार प्रशांत से जब सहज ढंग से यह प्रश्न किया गया कि क्या अब भी आपको संपूर्ण क्रांति की उम्मीद है, तो उन्होंने तपाक से कहा कि मैं निराश नहीं हुआ हूं। यह पूछने पर कि यह काम कौन करेगा, उनका कहना था कि देश भर में बड़ी संख्या में लोग सक्रिय हैं और उन्हीं ने इस समाज को एक हद तक अभय बनाया है। उसका असर भी हाल के लोकसभा चुनावों में दिखा।

लेकिन कुमार प्रशांत ने आगाह करते हुए कहा कि चुनाव राजनैतिक दल नहीं, जनता लड़ रही थी और जनता के उस मानस को तैयार करने में राजनैतिक दलों से बड़ी भूमिका नागरिक संगठनों ने निभाई है। नागरिक संगठनों की सक्रियता ने ही लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों और अधिकारों के पक्ष में व्यापक माहौल बनाया। लोकतंत्र की इस आधी-अधूरी जीत के पीछे उन गांधीवादी तरीकों का भी योगदान है, जो विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो अभियान के रूप में चलाया।

वरिष्ठ गांधीजन रामचंद्र राही का कहना था कि गांधी ने ‘हिंद स्वराज’ में यह नहीं माना है कि भारत रेलों के आने से एक राष्ट्र बना, बल्कि वे मानते थे कि इस देश की जनता सदियों से भारतीय उपमहाद्वीप के सुदूर कोनों में स्थित तीर्थस्थलों तक की यात्रा बैलगाड़ी से और पैदल चलकर किया करती थी। आज के जेट युग में भी अगर राहुल गांधी को पदयात्रा करनी पड़ रही है तो यह गांधी के ‘हिंद स्वराज’ की ही आवृत्ति है।

गांधीजन की भूमिका और आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए अगस्त के प्रथम सप्ताह में जो सम्मेलन आयोजित किया गया था उसके पीछे गांधी शांति प्रतिष्ठान के अलावा सर्व सेवा संघ, राष्ट्रीय युवा संगठन, राष्ट्रीय गांधी निधि देश के विभिन्न प्रांतों के गांधी लोहिया से जुड़े संगठनों का सहयोग था।

Denne historien er fra October 14, 2024-utgaven av Outlook Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra October 14, 2024-utgaven av Outlook Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA OUTLOOK HINDISe alt
हमेशा गूंजेगी आवाज
Outlook Hindi

हमेशा गूंजेगी आवाज

लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा

time-read
2 mins  |
December 09, 2024
क्या है अमिताभ फिनामिना
Outlook Hindi

क्या है अमिताभ फिनामिना

एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज

time-read
4 mins  |
December 09, 2024
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
Outlook Hindi

'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'

भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।

time-read
4 mins  |
December 09, 2024
सस्ती जान पर भारी पराली
Outlook Hindi

सस्ती जान पर भारी पराली

पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी

time-read
5 mins  |
December 09, 2024
विशेष दर्जे की आवाज
Outlook Hindi

विशेष दर्जे की आवाज

विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया

time-read
5 mins  |
December 09, 2024
महान बनाने की कीमत
Outlook Hindi

महान बनाने की कीमत

नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा

time-read
7 mins  |
December 09, 2024
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
Outlook Hindi

पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?

ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट

time-read
5 mins  |
December 09, 2024
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
Outlook Hindi

स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल

ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया

time-read
4 mins  |
December 09, 2024
जलवायु नीतियों का भविष्य
Outlook Hindi

जलवायु नीतियों का भविष्य

राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।

time-read
3 mins  |
December 09, 2024
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
Outlook Hindi

दोस्ती बनी रहे, धंधा भी

ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम

time-read
5 mins  |
December 09, 2024