चर्चित चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नवनिर्मित जन सुराज पार्टी ने राज्य में होने वाले चार विधानसभा उपचुनावों में तरारी सीट से सेना के रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह को उम्मीदवार बनाकर सियासी हलचल पैदा कर दी है। वे बिहार से दूसरे बड़े चर्चित सैन्य अधिकारी रहे हैं और तरारी के करथ गांव के रहने वाले हैं। उनके पहले दिवंगत लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) एस.के. सिन्हा बेहद चर्चित हुए थे और सियासत में पहली बार पटना लोकसभा सीट से निर्दलीय उतरे थे, हालांकि वे कामयाब नहीं रहे। बाद में उन्हें जम्मू-कश्मीर और असम का राज्यपाल बना दिया गया था।
प्रशांत किशोर ने आगामी चारों उपचुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं और 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। किशोर के न सिर्फ उम्मीदवारों के चयन, बल्कि अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के चयन में भी नीतीश और लालू-तेजस्वी विरोधी रणनीति की झलक मिलती है। मार्च 2025 तक के लिए पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष मधुबनी के रहने वाले भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी तथा चार देशों में राजदूत रह चुके मनोज भारती को बनाया गया है। सभी चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों के ऐलान और जीतने का भरोसा जताने के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि 2025 के चुनाव की झलक इसी उपचुनाव में दिख जाएगी।
यूं तो जन सुराज पार्टी कहती है कि वह जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगेगी, मगर प्रशांत किशोर मनोज भारती की जाति की चर्चा करना नहीं भूलते। दो अक्टूबर को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित रैली में प्रशांत ने मनोज भारती का परिचय करवाते हुए "दलित" शब्द पर खास जोर दिया था। वे दलितों को भी अच्छी संख्या में उम्मीदवार बनाने और हर संसदीय क्षेत्र में कम से कम एक महिला उम्मीदवार उतारने की बात कहते रहे हैं।
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शहरनामा - मधेपुरा
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डाल्टनगंज '84
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मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
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दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
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