अगला राष्ट्रपति और रिश्तों की शर्त
Outlook Hindi|November 25, 2024
अमेरिका में राष्ट्रपति चाहे कोई भी बने, भारत के साथ उसकी साझीदारियां कायम ही रहेंगी क्योंकि चीन के साझा डर के मद्देनजर यही दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में
अपर्णा पांडे
अगला राष्ट्रपति और रिश्तों की शर्त

दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत का अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावों में उस तरह से शायद ही जिक्र आया है जैसा चीन, ईरान, रूस या प‌श्चिम एशिया का आया है। भारत की खुशकिस्मती है कि जबरदस्त ढंग से बंटी हुई अमेरिकी राजनीति में अपने मजबूत संबंधों के चलते उसे वहां के दोनों दलों का बराबर समर्थन प्राप्त है। भारत के लिए आदर्श स्थिति यह होगी कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का प्रशासन मौजूदा समग्र, वैश्विक और रणनीतिक अमेरिका-भारत साझीदारी को ‘इक्कीसवीं सदी को परिभाषित करने वाली एक साझीदारी’ में तब्दील करने के निर्णायक कदम उठाए। नीतिगत मोर्चे पर देखें, तो चुनाव प्रचार के दौरान भारत का संदर्भ बहुत सरसरी तौर से आया है। राष्ट्रपति पद के दोनों ही प्रत्याशी भारत-अमेरिका के रिश्तों का समर्थन करते हैं और दोनों दलों के भीतर ऐसे पुराने जानकार हैं, जो इस रिश्ते को और गहरा करने की ख्वाहिश रखते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी हुई, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके गहरे निजी रिश्तों से दोनों देशों के संबंध परिभाषित होंगे। इसके साथ ही एक ऐसी व्या‍वहारिक विदेश नीति भी सामने आएगी जहां व्यापार, बाजार पहुंच और प्रवासन पर मतभेदों को रणनीतिक निहितार्थों के साथ संतुलित करने की दरकार होगी। दूसरी ओर, कमला हैरिस अगर राष्ट्रपति बनती हैं, तो जो बाइडन की तर्ज पर वे भी बहुत संभव है कि रणनीतिक मसलों को केंद्र में रखें और भारत को चीन की संतुलनकारी ताकत मानते हुए मतभेदों को और ज्यादा न बढ़ने दें।

अमेरिका और भारत के रिश्तों की बुनियाद साझा मूल्यों और परस्पर रणनीतिक हितों में है। यह बहुआयामी साझीदारी सशक्त‍ वाणिज्यिक संबंधों, करीबी रक्षा सहयोग और साझा रणनीति सरोकारों पर आधारित है।

यूरेशिया महाद्वीप और हिंद-प्रशात में भारत की रणनीतिक भौगोलिक अवस्थिति, आर्थिक संभावना और सैन्य क्षमता उसे इस इलाके में अमेरिका का आदर्श साझीदार बनाती है। चीन के सैन्य और आर्थिक उभार के खिलाफ अमेरिकी हितों के लिए भी भारत अहम स्थान रखता है। साथ में भारत की दशकों से चली आ रही चीन की दुश्मनी इस साझा हित को और मजबूत करने का काम करती है।

Denne historien er fra November 25, 2024-utgaven av Outlook Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra November 25, 2024-utgaven av Outlook Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA OUTLOOK HINDISe alt
'वाह उस्ताद' बोलिए!
Outlook Hindi

'वाह उस्ताद' बोलिए!

पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते

time-read
4 mins  |
January 06, 2025
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
Outlook Hindi

सिने प्रेमियों का महाकुंभ

विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
विश्व चैंपियन गुकेश
Outlook Hindi

विश्व चैंपियन गुकेश

18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा

time-read
3 mins  |
January 06, 2025
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
Outlook Hindi

सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप

भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi

रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
Outlook Hindi

हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान

मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
Outlook Hindi

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे

रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी

time-read
10 mins  |
January 06, 2025
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
Outlook Hindi

'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।

time-read
5 mins  |
January 06, 2025
आधी हकीकत, आधा फसाना
Outlook Hindi

आधी हकीकत, आधा फसाना

राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां

time-read
8 mins  |
January 06, 2025
संभल की चीखती चुप्पियां
Outlook Hindi

संभल की चीखती चुप्पियां

संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी

time-read
6 mins  |
January 06, 2025