ट्रम्प जलवायु परिवर्तन को संदेह की निगाह से देखते हैं। उनके अलावा किसी और राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में कार्बन कटौती के वैश्विक प्रयासों को इतना धक्का नहीं पहुंचाया है। अपने पिछले कार्यकाल में ट्रम्प ने दावोस के वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में पर्यावरणवादियों को 'प्रलय के पैगम्बर' कह कर आलोचना की थी। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को 'मिथकीय', 'अफवाह' और 'घोटाला' करार दिया है।
अपनी जीत के बाद समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधनों से दूर हटने के समझौते पर कॉप 28 में दस्तखत करने वालाअमेरिका अब तेल उत्पादन को बढ़ाएगा। तेल और गैस उद्योग ने इस बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा था, “हमारे पास जितना तेल है उतना दुनिया में किसी के पास नहीं, सउदी अरब से भी ज्यादा, रूस से भी ज्यादा है।"
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