![जिम अवश्य जाएं अच्छी सेहत के लिए जिम अवश्य जाएं अच्छी सेहत के लिए](https://cdn.magzter.com/1338812051/1663759758/articles/BooMd2PHS1663838275839/1663838557939.jpg)
मशहूर स्टैंडअप कौमेडियन और कलाकार 59 साल के राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त की सुबह नई दिल्ली के एक जिम में वर्कआउट करते समय हलका दिल का दौरा पड़ा था. कथित तौर पर वे ट्रेडमिल पर दौड़ते समय गिर गए थे, जिस के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया था.
बेंगलुरु, कर्नाटक के सीवी रमन नगर के पास जीएम पाल्या इलाके के एक जिम में कसरत करते समय 26 मार्च को एक 44 साल की औरत विनय कुमारी विट्ठल की मौत हो गई थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ था कि विनय कुमारी विट्ठल की मौत दिमाग की नस फटने से हुई थी. पुलिस को लगता है कि कसरत करने के समय विनय कुमारी विट्ठल ने बहुत ज्यादा वजन उठाया होगा, जिस से उन का ब्लडप्रैशर बढ़ गया होगा और दिमाग की नस फट गई होगी.
डाक्टरी भाषा में इसे ब्रेन एन्यूरिज्म कहते हैं, जो बिना लक्षणों के भी किसी के दिमाग में लंबे समय तक छिपा रह सकता है. ब्रेन एन्यूरिज्म से दिमाग की रक्तवाहिका में एक उभार या गुब्बारे जैसी रचना बन जाती है. इस से कभी भी खून का रिसाव हो सकता है या गुब्बारा फट सकता है, जिस से मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है. इस से मरीज की मौत भी हो सकती है.
हालांकि ज्यादातर मामलों में ब्रेन एन्यूरिज्म फटता नहीं है लेकिन यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर देता है. इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो सिरदर्द, बोलने में कठिनाई, दिखने में गड़बड़ी जैसे दृष्टि की हानि या दोहरी दृष्टि, आंख के ऊपर या आसपास दर्द, चेहरे के एक तरफ सुन्नता या कमजोरी, संतुलन का नुकसान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या अल्पकालिक स्मृति की समस्या होने लगती है.
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![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.