एक अमेरिकी लेखिका टूडी डेरि अपना एक अनुभव बताती है कि उस के पड़ोस में एक व्यक्ति एलेक्स कैंसर से मृत्यु के द्वार पर था. वह घर पर ही था क्योंकि उस की पत्नी की इच्छा थी कि उस की मृत्यु घर में हो, अस्पताल में न हो, अपनों के बीच में हो. जब एलेक्स बहुत बीमार था, टूडी बताती है, उस ने उसे बुलाया और कहा कि कल रात उस के 3 भाई आए थे. तीनों के चेहरे चमक रहे थे. तीनों स्वस्थ युवा थे और कहने लगे, 'एलेक्स अब तुम भी हमारे साथ आ जाओ.' असल में तीनों की मृत्यु कब की हो चुकी थी पर चूंकि वे स्वर्ग में गए थे, इसलिए प्रसन्न थे और एलेक्स को भी वहीं ले जाना चाहते थे.
टूडी हैरिस की बहुत सी पुस्तकें हैं. उन में एक है हैवन यानी स्वर्ग पर जो जम कर बिकती है. इन पुस्तकों के साथ स्वर्गनर्क की अवधारणा भी बिकती है और चर्चों के दानपात्र पैसों से भरते हैं. टूडी डेरिस भी खुश, चर्च भी खुश. उस के भाई आए या नहीं, यह साबित करने वाला कोई नहीं. स्वर्गनर्क की धारणा का कमाल यही है कि उस का बारीकी से विवरण तो कई धर्मों में मिल जाएगा पर वहां से लौट कर कौन कब क्यों और कहां आया जिस ने विवरण लिखा, यह कोई नहीं बताता.
धर्म और स्वर्ग की धारणा केवल एक कपोल कल्पित कहानी है और वास्तव में इस का कोई अस्तित्व नहीं है सदियों से दुनियाभर के धर्मगुरु अपना उल्लू सीधा करने के लिए इस काल्पनिक कहानी के सहारे लोगों में डर की भावना पैदा कर के उन्हें गुमराह करते आए हैं.
इस सदी के महानतम वैज्ञानिक इंग्लैंड के स्टीफन विलियम हौकिंग, जिन की मौत 14 मार्च, 2018 को हुई, ने यह चौंका देने वाला तथ्य दुनिया के समक्ष पेश किया कि स्वर्ग की धारणा एक मनघढ़ंत कहानी है और यह सोचना कि मृत्यु के बाद भी कोई जीवन है, किसी परियों की कहानी जैसी ही एक दिलचस्प कल्पना है, जो मृत्यु से डरने वाले कुछ लोगों ने लोगों ने गढ़ ली है.
उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा था कि वे यह साबित करने के निरर्थक विवाद में नहीं पड़ना चाहते कि ईश्वर का कोई अस्तित्व है या नहीं लेकिन यह बात जरूर है कि विज्ञान ने भगवान के अस्तित्व को अनावश्यक साबित कर दिया है और वे यह बात पूरी दृढ़ता से कहते रहे हैं कि किसी व्यक्तिगत भगवान में उन का कोई विश्वास नहीं है.
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