एपल के फाउंडर स्टीव जौब्स जब 5 साल के थे तो उन का परिवार सैनफ्रांसिस्को से कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गया. उन की मां क्लारा उन्हें पढ़ना सिखाती थी, जबकि उन के पिता पौल एक मैकेनिक और एक बढ़ई के रूप में काम करते थे. वे अपने बेटे स्टीव को भी छोटेमोटे इलैक्ट्रोनिक्स से जुड़े काम सिखाते थे. वहीं से स्टीव की रुचि इलैक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में बढ़ने की हुई थी. स्टीव गैरेज में रखे इलैक्ट्रॉनिक सामान के साथ छेड़छाड़ करते रहते और हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करते. उन्होंने बचपन में ही अपने पिता से इलैक्ट्रॉनिक्स का काफी काम सीख लिया था.
शुरू से टैक्नोलौजी में रुचि होने की वजह से वे खुद के लिए वीडियो गेम बना लेते थे. उन्होंने अपनी पहली नौकरी भी वीडियो गेम कंपनी 'अटारी' में की थी. धीरेधीरे अपनी पसंद की टैक्नोलौजी फील्ड में मेहनत कर उन्होंने दक्षता हासिल की और आज इस मुकाम तक पहुंचे.
उन्होंने दुनिया के सामने ऐसी डिवाइस प्रस्तुत की जो आज सब से महंगे स्मार्टफोन की लिस्ट में शामिल है. स्टीव जौब्स का कहना था, 'यदि आप रातोंरात सफल हुए लोगों को गंभीरता से देखेंगे तो आप को समझ आएगा कि उस सफलता में लंबा समय लगा है.'
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का कहना था, 'प्रत्येक व्यक्ति जीनियस है. यदि आप मछली में पेड़ पर चढ़ने की योग्यता देखेंगे तो वह जिंदगीभर स्वयं को मूर्ख समझेगी.'
यानी कि हर इंसान के अंदर अलगअलग तरह की प्रतिभा होती है. अगर आप सही दिशा में मेहनत करेंगे और उस क्षेत्र में लगातार प्रयास करते हुए दक्षता हासिल करेंगे जहां आप की योग्यता है तो आप को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. मगर यदि आप किसी और फील्ड में सफल होने का प्रयास करेंगे तो नाकामी ही हाथ आएगी और आप का आत्मविश्वास टूटेगा.
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"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.
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कपल्स शादी से पहले कई तरह की प्लानिंग करते हैं लेकिन वे अपना अलग आशियाना बनाने के बारे में कोई प्लानिंग नहीं करते जिसका परिणाम कई बार रिश्तों में खटास और अलगाव के रूप में सामने आता है.
ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज
बारबार पेशाब करने को मजबूर होना ओवरऐक्टिव ब्लैडर होने का संकेत होता है. यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है. महिलाओं में तो ओएबी और मेनोपौज का कुछ संबंध भी होता है.
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कहीं से कोई पैसा अचानक से मिल जाए या फिर व्यापार में कोई मुनाफा हो तो उन पैसों को घर में खर्चने के बजाय लोन उतारने में खर्च करें, ताकि लोन कुछ कम हो सके और इंट्रैस्ट भी कम देना पड़े.
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