बच्चों में बहरापन और इलाज
Sarita|January First 2023
बच्चे के लिए शरीर के सभी अंगों के विकास की तरह सुनने की क्षमता का होना भी बहुत जरूरी होता है. किसी बच्चे में सुनने की अक्षमता यानी बहरापन एक छिपी हुई विकलांगता होती है.
डा. संजय सचदेवा
बच्चों में बहरापन और इलाज

च्चा जन्म से ले कर लगभग एक या दो वर्ष की उम्र तक तेजी से बढ़ता है. इस सैंसिटिव अवस्था में मातापिता को अपने बच्चे की वृद्धि और विकास का आकलन करना जरूरी होता है. बच्चे की वृद्धि और विकास में देरी को समय रहते पहचान कर सही उपाय कर लिया जाए तो शुरुआत से ही इस प्रक्रिया के बच्चों पर सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं.

बाल मनोविज्ञान के अनुसार, बच्चे की वृद्धि और विकास से जुड़ी 4 अवस्थाएं होती हैं जिन के तहत मातापिता अपने बच्चे के शुरुआती दौर में विकास के इस मील के पत्थर की निगरानी कर सकते हैं. ये अवस्थाएं हैं- ग्रौस मोटर, फाइन मोटर, सामाजिक संचार और भाषा व सुनने का कौशल यहां हम हरेक अवस्था पर चर्चा कर रहे हैं.

पहली अवस्था ग्रौस मोटर है. इस में 4 महीने तक बच्चा अपने सिर को नियंत्रित करने लगता है. 8 से 10 महीने में वह बिना सहारे के बैठना सीखता है. 12 महीने तक बिना सहारे खड़ा होने लगता है.

इस के अलावा, बच्चा 15 महीने में सीढ़ियों पर रेंगना शुरू कर देता है. 2 साल में हाथों और घुटनों के बल सीढ़ियों से ऊपर और नीचे आने की कोशिश करता है और 3 साल तक अपने दोनों पैरों से सीढ़ियां उतरनेचढ़ने लगता है.

फाइन मोटर की अवस्था में, 4 महीने हो जाने पर बच्चा अपने दोनों हाथों से किसी वस्तु को पकड़ने लगता है, जैसेअकसर बच्चे अपनी दूध की बोतल को हाथ से पकड़ने की कोशिश करते हैं. 12 महीने में बच्चा एक वयस्क की तरह पेन या पैंसिल पकड़ना सीख जाता है. वहीं 18 महीने तक आतेआते पेंसिल या क्रेयान से कुछकुछ लिखने लगता है और मातापिता के गाइड करने पर वह 4 ब्लौक्स या क्यूब्स से एक बुर्ज बनाने जैसी मजेदार गतिविधियां करता है.

जन्म से 3 महीने की अवस्था

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