फिल्मी सितारों की स्पौंसर्ड प्रैस कौन्फ्रेंसेज
Sarita|October Second 2023
देश में सरकार बदलने के साथ समाज बदल सा जाता है और इस का असर सिनेमा पर भी पड़ता है. आज फिल्मकारों और कलाकारों का मिजाज कुछ ज्यादा ही बदल गया है और वे खास जर्नलिस्टों से बात करते हैं जो सिर्फ उन की प्रशंसा करते हैं.
शांतिस्वरूप त्रिपाठी
फिल्मी सितारों की स्पौंसर्ड प्रैस कौन्फ्रेंसेज

कुछ वर्षों पहले जब फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबा इंटरव्यू लिया, जोकि कई चैनलों पर प्रसारित हुआ तो लोगों को बड़ा अजीब लगा. उस की आज भी चर्चा हो रही है लेकिन हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा इंटरव्यू लिया जाना अतिसामान्य बात नजर आई.

मूल वजह इस की यह है कि आजादी के बाद से ही हमारे देश के फिल्मकार व कलाकार हमेशा देश के शीर्ष नेताओं, खासकर, देश के प्रधानमंत्री के साथ ही कदमताल करते आए हैं. यानी, 'यथा राजा तथा प्रजा'. जैसा देश का प्रधानमंत्री, वैसा ही फिल्मकार व अभिनेता. वैसा ही सिनेमा.

वर्ष 2014 से पहले तक हमारे प्रधानमंत्री पत्रकारों से काफी बातें करते थे लेकिन 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से किनारा कर लिया. प्रैस कॉन्फ्रेंस तक से उन का विश्वास उठ गया. अब यदि हम देश के प्रधानमंत्री की कार्यशैली के साथ ही बौलीवुड की कार्यशैली पर गौर करें तो हमें एहसास होता है कि 2014 से बौलीवुड की कार्यशैली और देश के शासक की कार्यशैली में कोई अंतर नहीं है. देश की संसद के अंदर जिस तरह से शासक पक्ष के साथ विपक्ष है, उसी तरह बौलीवुड में भी 2 पक्ष हैं.

शासक पक्ष की ही तरह बौलीवुड में काफी मुखर भाजपा समर्थक फिल्मकार व कलाकार एक खास तरह का न सिर्फ सिनेमा बना रहे हैं, बल्कि वे दूसरे पक्ष को दोयम दरजे का मानते हुए उन्हें धमकाने से भी बाज नहीं आते. सरकारें बदलने के साथ ही देश का सिनेमा बदलता रहा है, मगर 2014 के बाद देश का सिनेमा कुछ ज्यादा ही तीव्र गति से बदलता जा रहा है. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि 2014 से पहले देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने मुंबई आ कर बौलीवुड के लोगों से मुलाकात व गपशप नहीं की और न ही बौलीवुड के लोग चार्टर प्लेन से दिल्ली जा कर बारबार प्रधानमंत्री से मिले लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बौलीवुड की समस्याओं को समझने व उन्हें दूर करने के नाम पर ऐसा कई बार किया. अब बौलीवुड की समस्याएं कितनी दूर हुईं, यह तो सब के सामने है ही.

Denne historien er fra October Second 2023-utgaven av Sarita.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra October Second 2023-utgaven av Sarita.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA SARITASe alt
उतरन
Sarita

उतरन

कोई जिंदगीभर उतरन पहनती रही तो किसी को उतरन के साथ शेष जिंदगी गुजारनी है, यह समय का चक्र है या दौलत की ताकत.

time-read
10+ mins  |
November First 2024
युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें
Sarita

युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें

ब्रेकअप के बाद सब का अपना अलग हीलिंग प्रोसैस होता है लेकिन खुद से प्यार करना और समय देना सब से जरूरी होता है.

time-read
4 mins  |
November First 2024
इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं
Sarita

इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं

जिन परिवारों में इकलौता बच्चा होता है वे बच्चे की सुरक्षा के प्रति बहुत सजग रहते हैं. उसे हर वक्त अपनी निगरानी में रखते हैं. लेकिन बच्चे की अत्यधिक सुरक्षा उस के भविष्य और कैरियर को तबाह कर सकती है.

time-read
7 mins  |
November First 2024
मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना
Sarita

मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना

शादी कार्ड में जिन के द्वारा लिखवाया गया होता है कि 'मेले मामा/चाचू की शादी में जलूल आना' उन प्यारेप्यारे बच्चों के लिए सब से बड़ी सजा हो जाती है कि वे देररात तक जाग सकते नहीं.

time-read
4 mins  |
November First 2024
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 mins  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 mins  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 mins  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 mins  |
November First 2024
एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
Sarita

एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को

फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
शादी से पहले खुल कर करें बात
Sarita

शादी से पहले खुल कर करें बात

पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.

time-read
6 mins  |
October Second 2024