अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय वित्तीय और व्यावसायिक समाचार वैबसाइट बिजनैस इनसाइडर के मुताबिक साल 2021 में पोर्न फिल्मों का कारोबार 7.4 लाख करोड़ रुपए का था जिस के अब कई गुना बढ़ जाने की उम्मीद है. उस वक्त दुनियाभर में ढाई करोड़ से भी ज्यादा पोर्न वेबसाइट्स वजूद में थीं. जाहिर है इन की तादाद भी बढ़ी होगी.
इन दिनों हर कोई पोर्न फिल्में देख रहा है. 4 साल पहले के एक आंकड़े की मानें तो कुल वैब ट्रैफिक में पोर्न साइट्स की भागीदारी 30 फीसदी थी. अकेले अमेरिका में नियमित पोर्न साइट्स देखने वालों की तादाद 5 करोड़ के लगभग है, दूसरे नंबर पर यूके और तीसरे नंबर पर भारत है जहां पोर्न फिल्में इफरात से देखी जाती हैं.
कम हैरानी की बात नहीं कि भारत में 30 फीसदी से भी ज्यादा महिलाएं पोर्न फिल्में देखती हैं. हालांकि हर उम्र के लोग पोर्न देखते हैं लेकिन सब से ज्यादा 25 से ले कर 34 साल के युवा पोर्न फिल्में देखते हैं. इन की संख्या 35 फीसदी है जबकि 18 से 24 साल तक के युवाओं की भागीदारी 25 फीसदी के लगभग है. 35 से ले कर 44 साल तक के 17 फीसदी लोग पोर्न देखते हैं. यानी, 33 फीसदी के लगभग उम्रदराज लोग भी पोर्न फिल्मों का शौक फरमाते हैं.
अरबोंखरबों के इस कारोबार की गंगा में अगर प्रज्वल रेवन्ना भी हाथ धो रहा था तो हैरानी इस बात की ज्यादा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा का पोता है और कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा था. साल 2019 के चुनाव में उस ने इसी सीट से जनता दल एस के उम्मीदवार की हैसियत से भाजपा के ए मंजू को 1.5 लाख के लगभग वोटों से शिकस्त देते अपने दादा की सीट पर कब्जा जमाए रखा था.
रसूखदार परिवार
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एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.
शादी से पहले खुल कर करें बात
पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.
सुनें दिल की धड़कन
सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द या बेचैनी महसूस हो, तो फौरन कार्डियोलोजिस्ट से हृदय की जांच करानी चाहिए क्योंकि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है.
जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष
जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.
डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई
आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.
प्रसाद पर फसाद
प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.
आरक्षण के अंदर आरक्षण कितना भयावह?
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण को मंजूरी दे दी है, जिस के तहत सरकारों को अब एससी और एसटी आरक्षण के भीतर भी आरक्षण देने की छूट होगी. इस फैसले ने आरक्षण की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. इस से जाति आधारित आरक्षण की मांग और भी जटिल हो जाएगी, जिस से देश में नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है.
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानूनों में 2-3 ने ही सामाजिक परिदृश्य को बदला. राजीव गांधी को सामाजिक मामलों की ज्यादा चिंता नहीं थी, यह साफ है.
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हरियाणा और जम्मूकश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे बताते हैं कि धर्म और धर्मनिरपेक्षता के बीच जंग आसान नहीं है. दोनों के बीच सांपसीढ़ी का खेल चलता रहता है.
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फिल्मों की दीवाली अब पहले जैसी नहीं रही. दीवाली का त्योहार अब बड़े बजट की फिल्मों के लिए कलैक्शन का दिन भी नहीं रहा. इस मौके पर फिल्में आती तो हैं लेकिन बुरी तरह पिट जाती हैं. फिल्मी हस्तियों व आम लोगों के लिए दीवाली फीकी होती जा रही है.