ब्रिटेन के प्रमुख अखबार 'द डेली टैलीग्राफ' के एक हालिया सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री ऋषि सुनक उत्तरी इंगलैंड सीट से चुनाव हार सकते हैं. और तो और, 4 जुलाई को होने जा रहे मतदान में उन की कंजर्वेटिव पार्टी के हाउस औफ कौमन्स की 650 में से महज 53 सीटें ही ले जाने की स्थिति इस सर्वे में बताई गई है. 4 जून को भारत के आम चुनाव परिणाम देख कहा जा सकता है कि इन सर्वेक्षणों का क्या भरोसा जो एनडीए और भाजपा को भारी बढ़त पर बता रहे थे लेकिन नतीजों के आसपास भी कोई नहीं था.
इस लिहाज से बात ठीक है लेकिन यह बात अहम है कि आमतौर पर विदेशी सर्वेक्षण भक्ति और आस्था से प्रेरित नहीं होते और ब्रिटेन के मामले में तो साफ दिख रहा है कि टैलीग्राफ सत्तारुढ़ दल की ही दुर्गति होना बता रहा है. दोटूक यह भी कहा जा सकता है कि १855 से प्रकाशित हो रहे टैलीग्राफ की अपनी अलग साख और विश्वसनीयता है और इस के अलावा भी हर कोई यह कह और मान रहा है कि इस बार कंजर्वेटिव पार्टी और ऋषि सुनक दोनों की हालत खस्ता है.
सुनक की जीत की उतनी ही संभावना है जितनी कि उन की हार की आशंका है यानी चांस फिफ्टीफिफ्टी है. उलट इस के, प्रमुख विपक्षी दल लेबर पार्टी बहुत आगे चल रही है. टैलीग्राफ के सर्वे में उसे 516 सीटें मिलने का अंदाजा जताया गया है.
लेबर पार्टी की बढ़त का अनुमान
एक अकेले टैलीग्राफ ही नहीं, बल्कि कई दूसरे सर्वेक्षणों में भी लेबर पार्टी को काफी बढ़त पर बताया जा रहा है. ब्रिटिश इंटरनैशनल मार्केटिंग रिसर्च और डाटा एनालिसिस कंपनी यूगोव के पोल में भी कंजर्वेटिव पार्टी को 20 फीसदी और लेबर पार्टी को 47 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई है.
एक और सर्वे पोलिटिको पोल में तो कंजर्वेटिव पार्टी को तीसरे नंबर पर जाते दिखाया गया है. उसे केवल 1 8 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है. रिफौर्म यूके पार्टी को 1 9 फीसदी वोटों के साथ दूसरा स्थान दिया गया है. रिफॉर्म यूके 2018 में गठित नईनवेली छोटी सी लेकिन दक्षिणपंथी ही पार्टी है जिस के मुखिया वे नाइजेल फराज हैं जिन्हें एक वक्त में ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने के लिए जाना जाता है.
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