अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अभूतपूर्व जीत दर्ज करने के बाद अब पूरी दुनिया डोनाल्ड ट्रंप की ओर देख रही है। उनकी आसान जीत की खबर को दुनिया अलग-अलग नजरिये से देख रही है। अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों यूरोप और एशिया से विनम्र, लेकिन फिक्र भरे सार्वजनिक बयान आए। वहीं, यूक्रेन ने खुले तौर पर चापलूसी की, तो कुछ राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी सरकारों ने विजयी समर्थन के सुर अलापे।
एक बात तो साफ हो गई है कि वे लोग जो सोचते थे कि ट्रंप का पहला कार्यकाल अपवाद था, वे गलत थे। दूसरी पारी में जीत से रातों-रात अमेरिका एक अलग तरह की महाशक्ति दिखने लगा, अधिक अलगाववादी और कम पूर्वानुमानित । वह वैश्विक मामलों में कम शामिल हो रहा है, खासकर पश्चिम एशिया, यूक्रेन, वैश्विक व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर। जानते हैं कि ट्रंप का फिर से चुना जाना दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों व मुद्दों पर क्या असर डालेगा....
चीन: खौफ में अर्थव्यवस्था
चीन कारोबारी जंग के लिए तैयार हो रहा, क्योंकि ट्रंप ने चीन के निर्यात पर एकमुश्त शुल्क लगाने का वादा किया है। चीन अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निर्यात पर निर्भर है। चीन में बेहद कम लोगों को अमेरिका से रिश्तों की बेहतरी की उम्मीद है। दोनों देशों के रिश्ते पहले से तनावपूर्ण हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी चीन से टकराव रहा। उन्होंने चीन पर शुल्क लगाए, चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर रोक लगाई और ताइवान के साथ रिश्ते बढ़ाए। चीन के अधिकारी ट्रंप को कपटी मानते हैं। उन्हें लगता है, ट्रंप प्रशासन से बातचीत करना आसान नहीं होगा। ताइवान पर तनाव और बढ़ सकता है। जानकारों का मानना है, अगर ट्रंप वैश्विक नेता की अपनी भूमिका से हाथ खींच लें, तो चीन को आर्थिक व कूटनीतिक रूप से अधिक देशों का समर्थन मिल सकता है। उसे रोकने वाले अमेरिकी गठबंधनों को कमजोर करने का मौका मिल सकता है, पर इन बदलाव में काफी वक्त लग सकता है।
भारत : बेहतरी की आस
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