भारत और बांग्लादेश ने असम में दोनों देशों की सीमा से गुजर रही नदी कुशिआरा से पानी की निकासी के बारे में मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लिए छह अन्य संधियों पर भी हस्ताक्षर किए। भारत की सहायता से बांग्लादेश में बने मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना की पहली इकाई का भी दोनों ने उद्घाटन किया।
इन संधियों में सबसे प्रमुख भारतीय रेलवे के प्रशिक्षण संस्थानों में बांग्लादेशी रेलकर्मियों के प्रशिक्षण से जुड़ा समझौता है। इसके अलावा माल ढुलाई संचालन सूचना प्रणाली और अन्य कामों में आईटी से जुड़ा समझौता शामिल है। दोनों देशों ने बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के लिए भारत में प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रम, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग, प्रौद्योगिकी और सरकारी टेलीविजन क्षेत्र से जुड़े समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।
इन समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। शेख हसीना भारत की चार दिन की यात्रा पर आई हैं। उनकी पिछली भारत यात्रा के दौरान भी विभिन्न क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इस मौके पर मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने खासी प्रगति की है और हमारे द्विपक्षीय सहयोग में भी बहुत इजाफा हुआ है। बांग्लादेश पिछले कुछ वर्षों में भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार बन गया है। हमारे सांस्कृतिक संबंध घनिष्ठ हुए हैं और लोगों के बीच संबंध भी लगातार प्रगाढ़ हुए हैं।' प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वह और शेख हसीना दोनों अर्थव्यवस्थाओं के रिश्ते और मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने और व्यापारिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं।
हसीना ने आर्थिक विकास में बांग्लादेश का साथ देने के बहुआयामी प्रयासों के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'हमारा ध्यान दोनों देशों के नागरिकों के लिए प्रगतिशील भविष्य बनाने में मदद करना है। भारत के साथ हमारी सभी विदेशी नीतिगत भागीदारी इसी लक्ष्य पर आधारित हैं।'
बुनियादी ढांचे को बढ़ावा
Denne historien er fra September 07, 2022-utgaven av Business Standard - Hindi.
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