देश में जल्द ही करीब एक दर्जन प्रमुख परमार्थ संस्थानों के कर लाभ की जांच की जा सकती है। इन परमार्थ संस्थानों में निजी ट्रस्ट, शैक्षणिक सोसाइटी, वैधानिक प्राधिकरण, क्रिकेट एसोसिएशन आदि शामिल हैं। इनमें अधिकतर काफी मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन परमार्थ संस्थान के तमगे के कारण कर लाभ का फायदा भी उठा रहे हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि राजस्व विभाग इन परमार्थ संस्थानों के बहीखाते की जांच के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग यह देखने की कोशिश करेगा कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले के बाद उनके कर लाभ को बरकरार रखा जा सकता है अथवा नहीं।
सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि जो संस्थान, ट्रस्ट अथवा निकाय 'सामान्य सार्वजनिक जनसेवा' की आड़ में वाणिज्यिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं और नाममात्र से अधिक शुल्क लेते हैं वे कर छूट की मांग नहीं कर सकते हैं।
Denne historien er fra October 24, 2022-utgaven av Business Standard - Hindi.
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