मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय वाहन उद्योग की बिक्री अब तक की सबसे अधिक रहेगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मारुति की बिक्री वित्त वर्ष 2019 के करीब रह सकती है। भार्गव ने कहा, 'छोटी कारों की बिक्री में वृद्धि पिछले कुछ साल में घटी है लेकिन बड़ी कारों, खास तौर पर एसयूवी सेगमेंट के वाहनों की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है।' मारुति सुजूकी हैचबैक सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी है लेकिन एसयूवी सेगमेंट में उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और टाटा मोटर्स, ह्युंडै, किया तथा महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने इस क्षेत्र में अच्छी बढ़त दर्ज की है। मारुति की कुल बिकने वाली कारों में करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी हैचबैक कारों की होती है।
Denne historien er fra October 29, 2022-utgaven av Business Standard - Hindi.
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महाकुंभ: 1.65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनमर्ग सुरंग (जेड-मोड़ सुरंग) का उद्घाटन किया
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दिल्ली : सीएजी रिपोर्ट मामला
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वर्ष 2025 में निदेशक मंडलों का एजेंडा
नया साल यानी 2025 उथल-पुथल भरा रह सकता है। ऐसे में निदेशक मंडलों (बोर्ड) पर अपनी कंपनियों को इस नए साल में नई चुनौतियों से उबारने की जिम्मेदारी होगी।
रूस के सस्ते कच्चे तेल में हो सकती है कटौती
रूस की तेल व गैस इकाइयों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों का परोक्ष असर भारत पर भी हो सकता है। इससे भारत को रूस से छूट पर मिलने वाले कच्चे तेल में कटौती हो सकती है और क्रूड बाजार कीमतों पर खरीदना पड़ सकता है।
रुपये की विनिमय दर में स्थिरता अनिवार्य नहीं
रुपये में आई हालिया भारी गिरावट और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई तेज कमी के कारण अब इस पर बहस शुरू हो गई है कि क्या विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना जरूरी है और वांछनीय है।
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वर्ष 2023 में 6 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद पिछले साल कंपनियों ने पुनर्खरीद पेशकश पर कम रकम खर्च की। सरकार ने कर बोझ कंपनियों से निवेशकों पर डाल दिया। इस कारण इस खर्च में कमी आई। वर्ष 2024 में 48 कंपनियों ने 13,423 करोड़ रुपये के शेयर पुनः खरीदे। यह रकम 2023 में इतनी ही संख्या वाली कंपनियों की शेयर पुनर्खरीद राशि से कम है। तब उनकी राशि 48,079 करोड़ रुपये रही थी।