भारतीय टायर कंपनियों के दूसरी तिमाही के मिश्रित प्रदर्शन के बाद कई अनुकूल बदलाव नजर आ रहे हैं। वाहन निर्माताओं (खासकर मूल उपकरण निर्माण खंड) से मजबूत बिक्री और अच्छी रीप्लेसमेंट मांग राजस्व के लिहाज से प्रमुख सकारात्मक कारक हैं। हालांकि सबसे बड़ा बदलाव कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से जिंस कीमतों में आई नरमी है।
प्राकृतिक रबर कीमतों में भी नरमी आई है। इन दोनों का टायर कंपनियों की बिक्री के प्रतिशत के तौर पर कुल कच्चे माल की लागत में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। सूचीबद्ध शेयरों में, सिएट ने पिछले महीने के साथ साथ तीन महीनों की अवधि में अच्छी तेजी दर्ज की। इस शेयर में इस अवधि में 11 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की तेजी आई।
कई अन्य टायर शेयरों ने पिछले महीने के दौरान 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया।
हालांकि, फिर भी अगस्त/सितंबर के निचले स्तरों से सभी टायर शेयर 23-26 प्रतिशत की तेजी के साथ नवंबर में अपने ऊंचे स्तरों पर पहुंचने में कामयाब रहे हैं। बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (बालकृष्ण) 19 प्रतिशत की गिरावट के साथ तीन महीने की अवधि के दौरान कमजोर प्रदर्शन करने वाला एकमात्र टायर शेयर रहा है, क्योंकि यूरोप में मांग से संबंधित चिंताओं का उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
Denne historien er fra November 28, 2022-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November 28, 2022-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
'मोदी ने संविधान को नहीं समझा'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का संविधान पढ़ा होता तो वह अलग नीतियां अपनाते।
गरीबी हटाओ का नारा देकर लूट लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कश्मीर के लिए अलग संविधान लाने की योजना बना रहे हैं।
झारखंड: कांग्रेस का घुसपैठियों को भी गैस सिलिंडर देने का वादा, शाह का पलटवार
कांग्रेस महासचिव और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने गुरुवार को चुनावी रैली में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो राज्य के सभी नागरिकों को 450 रुपये में गैस सिलिंडर दिए जाएंगे, चाहे वे घुसपैठिए हों या नहीं।
दुनिया के फैशन ब्रांड के लिए भारत बना दुलारा
मैकिंजी फैशन ग्रोथ फोरकास्ट के सर्वेक्षण से खुलासा, बड़े-बड़े ब्रांड अब वियतनाम छोड़कर भारत आने की तैयारी में
'अमेरिकी खर्च कटौती का सुझाव बाजार के लिए बुरा'
क्रिस वुड ने कहा, भारत के मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट स्वाभाविक
एफऐंडओ में नए शेयर जुड़ने से निफ्टी, सेंसेक्स में आएगा बदलाव
एफऐंडओ शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना रहती है
सर्वोच्च स्तर से 15 फीसदी फिसली वेदांत
सितंबर के आखिर में 512 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कमोडिटी दिग्गज वेदांत का शेयर बाजारों में गिरावट के बीच 15 फीसदी से ज्यादा फिसल गया है। अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली फर्म के शेयर में हालिया गिरावट पिछले एक साल में इसका शेयर दोगुना होने के बाद आई है।
कंपनी जगत के रॉयल्टी भुगतान को लेकर चिंता : सेबी का अध्ययन
बाजार नियामक सेबी के हालिया अध्ययन में सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से किए गए रॉयल्टी भुगतान में कुछ चिंताजनक रुझान सामने आए हैं। चार मे से एक मामला ऐसा रहा जिसमें कंपनियों ने अपने शुद्ध लाभ का 20 फीसदी से ज्यादा संबंधित पार्टियों को रॉयल्टी के रूप में भुगतान किया।
'लंबी अवधि में सोने, एफडी और संपत्ति से ज्यादा रिटर्न शेयरों ने दिया'
मॉर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शेयरों (बीएसई सेंसेक्स) ने 10, 15, 20 और 25 साल की अवधि में रियल एस्टेट, सोने, 10 वर्षीय बॉन्ड और बैंक सावधि जमाओं (एफडी) जैसे परिसंपत्ति वर्गों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हालांकि इस रिटर्न (कर-पूर्व) के लिए निवेशकों को जोखिम लेने और निवेश के दौरान शेयरों में उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होना चाहिए।
म्युचुअल फंडों के पास है बड़ी नकदी
अक्टूबर के अंत में इक्विटी योजनाओं के पास करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये थे, नकदी के संदर्भ में पीपीएफएएस, क्वांट और एसबीआई तीन प्रमुख फंड हाउस रहे