साल 2022 लगभग सभी कृषि जिंसों के दामों में तेज उछाल के लिए यादगार रहेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध, असामान्य मौसम और कोविड के दौरान बाजार में अतिरिक्त नकदी डाले जाने की वजह से ऐसा हुआ। इससे सटोरियों की गतिविधियां भी बढ़ीं। साल में तकरीबन सभी कृषि उत्पादों जैसे खाद्य तेल, अनाज, कपास, दूध, अंडे और चारे के दाम बढ़ गए। खेती में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे खाद के दाम भी तेजी से बढ़े।
दाम बढ़ने का मतलब यह भी है कि खेत में कटाई शुरू होते ही उसके दाम मिलना शुरू हो गया। हालांकि शहरी आबादी की तरह ही ग्रामीण आबादी की कमाई पर भी मुद्रास्फीति का प्रतिकूल असर पड़ा। हालांकि कई उत्पादों की उच्च मुद्रास्फीति में कई बार कमी आई। लेकिन यह बीते साल की तुलना में अधिक है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के हालिया विश्लेषण के मुताबिक सितंबर 2022 तक वास्तविक ग्रामीण वेतन वृद्धि में नियमित 10वें महीने तक ऋणात्मक वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण प्रमुख तौर पर यह संकुचन हुआ। ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुस्त होने के कारण श्रम की मांग सुस्त रही। इससे मजदूरी की सीमा भी तय हो गई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्य की मांग नवंबर 2022 में चार माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई जबकि आवंटित बजट का पूरा इस्तेमाल हो चुका था। आंकड़ों के अनुसार अगस्त के बाद नवंबर 2022 में मनरेगा में काम के लिए अधिक लोगों ने आवेदन किया। नवंबर 2022 में करीब 2.25 करोड़ लोगों ने मनरेगा में काम के लिए आवेदन किया था।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार जुलाई में 2.52 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था और अगस्त में 1.91 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से निरंतर 6 फीसदी से अधिक रही।
Denne historien er fra January 02, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 02, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रॉनिक कचरे पर दिशानिर्देशों का कड़ा विरोध
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के उन प्रारूप दिशानिर्देशों का विरोध किया है, जिनमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान के लिए रिसाइकलिंग और प्रसंस्करण की कीमतें तय कर दी हैं।
जरूरत से ज्यादा काम करते हैं आधे भारतीय कर्मचारी
भारत में आधे से ज्यादा कर्मचारी हर हफ्ते कम से कम 49 घंटे काम करते हैं, जो कई अन्य देशों और कानूनी कायदों के मुकाबले ज्यादा है।
फीचर फोन के समक्ष नई चुनौती
दूरसंचार विभाग के नए फरमान से बढ़ी फीचर फोन विनिर्माताओं की चिंता
जमीन आवंटन मामले में सिद्धरमैया को झटका
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को तगड़ा झटका दिया है। उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भूमि आवंटन से जुड़े एक मामले में कथित अनियमितता के आरोप की जांच शुरू करने पर राज्यपाल की अनुमति को बहाल रखा है।
मोदी ने जेलेंस्की से की मुलाकात यूक्रेन संघर्ष पर चिंता जताई
न्यूयॉर्क में मिले दोनों नेता, आपसी संबंधों को मजबूत करने की जताई प्रतिबद्धता
मंत्रियों के समूह की बैठक में रियल एस्टेट संबंधी ज्यादातर प्रस्ताव टले
गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए वस्तु एवं सेवा कर संबंधी ज्यादातर प्रस्तावों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है। सू्त्रों ने यह जानकारी दी।
मजबूत बुनियाद से घटेगी वैश्विक अनिश्चितता
वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने का सबसे अच्छा तरीका अपने मुख्य बुनियादी तत्वों को मजबूत करना है।
बॉन्ड से धन जुटाएंगी एनबीएफसी
एक सप्ताह में बॉन्ड जारी करके 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
स्विगी के आईपीओ को सेबी की मंजूरी
बाजार नियामक सेबी ने फूड डिलिवरी दिग्गज स्विगी को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने की मंजूरी दे दी है।
छोटे आईपीओ से जुड़े 6 निवेश बैंकों की जांच
यह जांच कुछ बैंकों द्वारा लिए शुल्कों से जुड़ी है