सरकार देखेगी कि जिन क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, उनमें इस योजना में किसी तरह के बदलाव की जरूरत तो नहीं है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने आज यह बताया। इस बारे में स्थिति चालू वित्त वर्ष के अंत तक स्पष्ट होगी और कोई निर्णय भी उसी समय तक लिया जा सकता है। डीपीआईआईटी द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार 14 क्षेत्रों में से 8 क्षेत्रों मोबाइल फोन विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर, फार्मास्युटिकल, बल्क दवाएं, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार, उत्पाद एवं ड्रोन के पीएलआई के अंतर्गत प्रोत्साहन दिए गए हैं। सरकार भी मानती है कि बाकी छह खाद्य लाभार्थियों को क्षेत्रों - स्टील, टेक्सटाइल, बैटरी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, सोलर पीवी और वाहन क्षेत्र में पीएलआई योजना धीमी चल रही है। उन क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन राशि का आवंटन भी अभी शुरू नहीं हुआ है। संबंधित मंत्राल अपने-अपने स्तर पर इसकी जांच कर रहे हैं।
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