प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी और सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों या यहां तक कि 2014 के बाद से मोदी की पिछली आधा दर्जन अमेरिका की यात्राओं को तुलनात्मक रूप से काफी महत्वपूर्ण बताया है लेकिन मंगलवार की सुबह तीन दिवसीय 'राजकीय यात्रा' के लिए न्यूयॉर्क रवाना हुए और प्रधानमंत्री मोदी की यह अमेरिका की पहली 'राजकीय यात्रा' है। जो बाइडन प्रशासन की तीसरी और 2009 में मनमोहन सिंह को राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किए जाने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह दूसरी राजकीय यात्रा है।
अमेरिका और भारत चीन को लेकर सावधान हैं और अमेरिका चाहता है कि भारत, रूस - यूक्रेन संघर्ष पर अधिक स्पष्ट रुख अपनाए। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच दूरसंचार, अंतरिक्ष और विनिर्माण सहित उभरती हुई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप पर प्रगति करने के साथ ही एक जेट इंजन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी काम कर रहे हैं।
'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि वह भारत की आजादी के बाद पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा, 'मेरी विचार प्रक्रिया, मेरा आचरण, जो मैं कहता हूं और करता हूं, वह सब मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। मुझे इससे अपनी ताकत मिलती है। मैं अपने देश को दुनिया के सामने वैसा ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है और खुद को वैसा ही पेश करता हूं, जैसा मैं हूं।'
प्रधानमंत्री ने चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के महत्व के बारे में बात की। यूक्रेन संघर्ष पर मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं। लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। विवादों को 'कूटनीति और बातचीत' से सुलझाया जाना चाहिए, युद्ध से नहीं।'
Denne historien er fra June 21, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 21, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
केपी सिंह ने डीएलएफ को चुना
डीएलएफ अध्यक्ष केपी सिंह ने अपनी पुस्तक विमोचन पर बयां किए आम और कारोबारी जीवन से जुड़े किस्से
'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
दिल्ली में कार्यालयों का समय बदला
दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी में सूचकांक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में शुक्रवार को कमी आई और अब यह गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में आ गया है।
मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
कुछ साल से नाइजीरियाई क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है भारत, ओवीएल की नजर गुयाना के अपतटीय ब्लॉकों पर
कम करें स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टर फंड में निवेश
कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।