सौदों के निपटान चक्र को टी+2 (ट्रेड और दो दिन) से टी+1 (ट्रेड और एक दिन) करने के एक साल से भी कम समय में सौदों का निपटान फौरन करने के लिए नया प्रस्ताव आया है।
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने आज कहा, 'शेयर बाजार के लिए अस्बा की तरह भुगतान प्रणाली पर काम करते समय हमने महसूस किया कि सौदों का निपटान फौरन करना संभव है। टी+1 की तरह ही, सौदों का निपटान तुरंत करने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा।' सेबी प्रमुख ने कहा कि शेयर बाजार के लिए अस्बा की तरह भुगतान व्यवस्था, शेयर सौदों के निपटान चक्र को टी+1 और आईपीओ तथा म्युचुअल फंड लेनदेन का निपटान का समय घटाकर टी+3 करने जैसे ट्रेडिंग ढांचे में बदलाव से निवेशकों को सालाना करीब 3,500 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा, 'जैसे-जैसे पारिस्थितिकी तंत्र ज्यादा क्षमता विकसित करेगा, आंकड़े बढ़ते जाएंगे।' तत्काल निपटान की व्यवस्था केवल डिलिवरी आधारित सौदों और निवेशकों के चुनिंदा समूह के लिए ही हो सकती है। बुच ने संकेत दिया कि यह अलग ट्रेडिंग सेगमेंट हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह अगले वित्त वर्ष तक लागू हो सकता है।
Denne historien er fra July 25, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
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