वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पिछली चार तिमाहियों में सबसे तेज 7.8 फीसदी रही। मगर यह केंद्रीय बैंक के अनुमान से थोड़ा कम है। निवेश में जबरदस्त वृद्धि और मजबूत आधार से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। ब्लूमबर्ग के एक सर्वेक्षण में इसे 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि तिमाही के दौरान सेवा क्षेत्र से वृद्धि को रफ्तार मिली। अर्थव्यवस्था अब कोविड-पूर्व 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले वास्तविक आधार पर 13.8 फीसदी बड़ी हो चुकी है। हालांकि विश्लेषकों ने चिंता जताई है कि ब्याज दरें बढ़ने, कमजोर मॉनसून और कमजोर वैश्विक मांग के कारण चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
Denne historien er fra September 01, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
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