उच्च शिक्षा में हिंदी
■ मध्य प्रदेश चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई हिंदी में कराने वाला पहला राज्य बन गया है
■ चिकित्सा की पुस्तकें विशेषज्ञों से हिंदी में अनुवाद कराई गईं और फिर विशेषज्ञों की मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें पढ़ाई में शामिल किया गया
■ प्रदेश में इंजीनियरिंग छात्रों को भी प्रवेश के समय ही दिया जाता है हिंदी चुनने का विकल्प
■ मध्य प्रदेश की तरह उत्तराखंड सरकार भी कर रही है हिंदी में एमबीबीएस पढ़ाने की तैयारी
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावनाओं के अनुरूप हिंदी तथा अन्य मातृभाषाओं में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना एक अच्छी पहल है। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने से हिंदी भाषी क्षेत्रों के शिक्षार्थियों को न केवल बेहतर अवसर प्राप्त होंगे बल्कि इससे भाषा का मान भी बढ़ेगा।
अक्सर हिंदी भाषी और ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्रों की शिकायत होती है कि वे अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) और चिकित्सा (मेडिकल) जैसे तकनीकी और जटिल शब्दावली वाले विषयों की पढ़ाई में इसलिए पिछड़ जाते हैं क्योंकि इन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई ज्यादातर अंग्रेजी भाषा में होती है। ऐसे विद्यार्थियों की मुश्किलें कम करने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अब इन विषयों की पढ़ाई हिंदी में भी शुरू की जा रही है। इसके लिए हिंदी पाठ्यपुस्तकें भी तैयार की जा चुकी हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने तो पिछले दिनों एक कार्यक्रम आयोजित कर एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्रों को चिकित्सा विज्ञान की हिंदी पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराईं। इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘हम वह कर दिखाने में सफल रहे हैं, जिसके बारे में शायद विचार ही किया जा सकता था। मध्य प्रदेश ने एक नया इतिहास बनाया है। वह पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी।’
Denne historien er fra September 14, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
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