कच्चे तेल में उबाल
■ तेल की कीमतों में तेजी ऐसे समय में आई है जब देश में उपभोक्ता मांग कमजोर हो रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भी नरमी देखी जा रही है
■ वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में कच्चे तेल के दाम कम रहने से परिचालन मार्जिन में हुआ था इजाफा
कच्चे तेल की कीमतों में हाल में आई तेजी देसी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है और पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान मुनाफा मार्जिन में हुआ फायदा साफ कर सकती है। तेल की कीमतें तब उछली हैं, जब जब देश में उपभोक्ता मांग कमजोर हो रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भी नरमी दिख रही है।
मोटा हिसाब लगाने से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही से वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के बीच परिचालन लाभ में तीन-चौथाई वृद्धि कंपनियों के मार्जिन में इजाफे से हुई है और महज एक-चौथाई लाभ आय में वृद्धि की बदौलत हुआ है।
Denne historien er fra September 26, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
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