हालांकि सरकार भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को रोकने और उसका असर सीमित करने के लिए भरसक कोशिश कर रही है। गृह सचिव अजय भल्ला ने ट्रक मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के साथ शाम को बैठक बुलाई मगर खबर लिखे जाने तक हड़ताल वापस लेने जैसा कोई फैसला नहीं आया। हालांकि ऑल
इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि टक्कर मारकर भागने के मामलों में सजा के नए और सख्त प्रावधान वापस लिए जाने की मांग के समर्थन में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की उसने कोई अपील अभी तक नहीं की है। लेकिन उसने बताया कि 60-70 फीसदी ट्रक अब सड़कों से गायब हैं।
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर राजधानी दिल्ली में दिखने भी लगा है। महाराष्ट्र से आपूर्ति कम रहने के कारण यहां आजादपुर मंडी में प्याज के थोक भाव करीब 51 फीसदी चढ़ गए। आजादपुर मंजी से थोक कारोबारी सुरिंदर बुद्धिराजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'रोजाना करीब 60-70 छोटे-बड़े ट्रक आजादपुर मंडी आते हैं। मगर पिछले कुछ दिन से बमुश्किल 20-25 ट्रक आ रहे हैं।'
उनका कहना है कि दूरदराज से लाई जाने वाली सभी सब्जियों की आवक हड़ताल के कारण पहले से काफी कम हो गई है।
भारतीय दंड संहिता के स्थान पर लागू हुई भारतीय न्याय संहिता कहती है कि यदि किसी के लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण गंभीर दुर्घटना और मौत होती है तथा वह पुलिस या किसी अधिकारी को इत्तला किए बगैर मौके से फरार हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक सजा दी जा सकती है या 7 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। पहले ऐसे मामलों में 2 साल तक की ही सजा थी। हालांकि नई संहिता में भी कहा गया है कि दुर्घटना और मौत की सूचना किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को हादसे के फौरन बाद दी जाए तो उसे कम सजा मिलेगी। सरकार का कहना है कि उच्चतम न्यायाल के कहने पर ही प्रावधान सख्त किए गए हैं और ये हर प्रकार के वाहन पर लागू होते हैं।
बहरहाल नए कानून के प्रावधानों का विरोध करते हुए महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में ट्रक चालक हड़ताल कर रहे हैं। इन राज्यों से सब्जियों और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरे देश में होती है।
Denne historien er fra January 03, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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