निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री - "सरकार का पूरा जोर जीडीपी पर: (जी) गवनेंस, (डी) डेवलपमेंट, (पी) परफॉर्मेंस"
बजट भाषण जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे साफ होता गया कि सरकार अपनी राह से डिगने वाली नहीं है। 2023-24 में खर्च कम रहेगा और 2024-25 के लिए बजट में कोई भी बड़ा वादा नहीं किया गया। माना जा रहा था कि इस बार मिले उम्मीद से ज्यादा राजस्व का इस्तेमाल करते हुए वित्त मंत्री ठीकठाक खर्च करेंगी मगर ऐसा भी नहीं हुआ क्योंकि अगले वित्त वर्ष में उधारी कम करने का अनुमान लगाया गया है। सीतारमण राजकोषीय घाटा कम करने के अपने पुराने संकल्प पर डटी रहीं, जिसके मुताबिक 2025-26 तक यह घाटा कम करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 फीसदी से नीचे लाना है। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसदी के बराबर रहने का अनुमान बजट में लगाया गया। चालू वित्त वर्ष में यह जीडीपी के 5.8 फीसदी के बराबर रहने की संभावना है, इसलिए अगले वित्त वर्ष में इसका आंकड़ा 5.1 फीसदी रहने से 2025-26 में 4.5 फीसदी घाटे की आधी से ज्यादा राह तय हो जाएगी।
Denne historien er fra February 02, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
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