उच्चतम न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 2018 से जारी होने वाले चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैंकिंग प्रणाली से जुड़े नियम इन बॉन्ड के खरीदारों का नाम उजागर करने में बाधा बन सकते हैं। न्यायालय के फैसले को लागू करने से सरकार द्वारा बॉन्डधारकों के नाम गोपनीय रखे जाने का वादा टूट सकता है और सूत्रों का भी मानना है कि ऐसा ही होगा।
सूत्रों ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद की स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा अध्यादेश लाने की संभावना नहीं है क्योंकि 17वीं लोक सभा का अंतिम सत्र समाप्त हो चुका है और लोकसभा चुनाव निकट है।
सूत्रों का कहना है कि इस फैसले से राजनीतिक दलों के चंदे में फिर से काला धन की वापसी होगी। उनका कहना है कि जिनके पास काला धन है वे बने रहेंगे। सूत्रों में से एक ने कहा, 'इससे पुराना दौर वापस आ जाएगा।' सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2018 में अधिसूचित चुनावी बॉन्ड योजना भले ही आदर्श योजना नहीं मानी जाती थी, लेकिन यह उस समय के मौजूदा चुनावी चंदे के तौरतरीकों में सुधार के तौर पर नजर आया था।
Denne historien er fra February 17, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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'तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या पत्र भेजा जाए'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
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विल्सन ऐंड ह्यूज ने कॉक्स ऐंड किंग्स की परिसंपत्ति, ब्रांड का किया अधिग्रहण
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
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