ब्रिटेन में निर्माण व्यवसाय में 27 वर्षों से अधिक तक काम करने वाले अनुभवी कॉरपोरेट कर्मचारी 47 वर्षीय मनीष आनंद झा ने अपनी मातृभूमि से प्रेम के कारण बिहार के मधुबनी जिले में मखाना प्रसंस्करण प्लांट लगाने के इरादे से वापसी की है।
मनीष का संयंत्र मधुबनी के अरेर में बांस के पेड़ों और खुले मैदान के बीच है, जो राजधानी पटना से करीब 160 किलोमीटर दूर है और यह स्पष्ट निर्यात नीतियों और एक उचित उद्योग निकाय की बाट जोह रहा है। मनीष कहते हैं, ‘दो साल पहले जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग मिलने के बाद भी मखाना उद्योग का अभी कोई संगठन नहीं है। इसके अलावा, हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनकल्चर (एचएसएन) कोड नहीं रहने से भी इस उद्योग की राह कठिन हो गई है।’
आईआईटी कानपुर से स्नातक राजीव रंजन भी कृषि उत्पाद कंपनी लगाने के लिए अपने गृह जिले दरभंगा वापस आ गए हैं। रंजन का कहना है, ‘सरकारी नीतियों के कारण ब्लैक डायमंड उत्पादकों और व्हाइट गोल्ड पॉपर्स (मखाना) के घर बिहार के मिथिलांचल से वैश्विक बाजार तक अपनी पहुंच नहीं बनाई है। एचएसएन कोड की कमी से मखाना विश्व बाजार के लिए दुर्लभ हो जाता है और इसके निर्यात में बाधा आती है।’
मुंबई में 14 वर्षों से अधिक समय बिताने वाले एमबीए स्नातक प्रेम मिश्र मखाना प्रसंस्करण के जरिये अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए दरभंगा लौट आए हैं। वह कहते हैं, ‘मखाना के लिए मैनुअल प्रक्रिया काफी जटिल है। काले बीज से सफेद में परिवर्तित करने में अभी भी हाथों का ही उपयोग किया जाता है। सरकार की ओर से कोई आंकड़े नहीं हैं इसलिए ये सभी कारण काम को मैन्युअल श्रम पर अधिक निर्भर बनाते हैं जिससे कारोबार में करने में परेशानी होती है।’
मिश्र का कहना है, ‘मखाना के लिए कुछ फूड पार्क होने चाहिए जिससे हमें सरकार से सब्सिडी मिल सके।’
Denne historien er fra May 02, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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जेप्टो का आईपीओ अगले साल आने के आसार
कंपनी ने हाल ही प्रमुख घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है
जेप्टो भारत में सबसे तेजी से बढ़ती इंटरनेट कंपनी
क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो के सह संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आदित पालिचा का कहना है कि हाल में जुटाई गई रकम घरेलू निवेशकों से जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी रकम में से एक है। इससे कंपनी को भारतीय निवेशकों को अधिक शेयरधारिता देने में मदद मिलेगी। कंपनी अगले वित्त वर्ष में कभी भी आईपीओ लाने की योजना बना रही है। आर्यमन गुप्ता और शिवानी शिंदे के साथ बातचीत में इस क्षेत्र पर सरकार की बढ़ती जांच, विस्तार योजनाओं और आईपीओ के बारे में चर्चा की गई। प्रमुख अंश...
कच्चे तेल एवं पेट्रोल-डीजल निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर खत्म
केंद्र सरकार ने सोमवार को देश में निकलने वाले कच्चे तेल और डीजल, पेट्रोल एवं विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगने वाला अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) तत्काल खत्म कर दिया। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर सड़क एवं बुनियादी ढांचा उपकर (आरआईसी) को भी हटा दिया गया है।
बाजार में गिरावट से थोक सौदों में आई कमी
बाजार में अनिश्चितता बढ़ने से देसी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के थोक सौदे भी कम हो रहे हैं। नवंबर में थोक सौदे यानी ब्लॉक डील घटकर 25,669 करोड़ रुपये रह गए जो 6 महीने में सबसे कम है। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि बड़े संस्थागत खरीदारों की सौदे में कम दिलचस्पी को देखते हुए कई निजी इक्विटी फर्में, प्रवर्तक इकाइयां और अन्य निवेशक अपनी शेयर बिक्री योजना फिलहाल टाल दी हैं।
गतिरोध टूटा, संविधान पर होगी चर्चा
शीतकालीन सत्रः सभी दलों के नेताओं के साथ बिरला की बैठक में खुला चर्चा का रास्ता