आवधिक (पीएलएफएस) के ताजा तिमाही आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में काम करने वाली सभी महिलाओं में नियमित वेतन पर काम करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी घटकर 52.3 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले की तिमाही के 53 प्रतिशत की तुलना में कम है। इसके पहले का निचला स्तर वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में था, जब नियमित वेतन पर काम करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी घटकर 52.8 श्रम बल सर्वे प्रतिशत पर आई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा वित्त वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही से हर तिमाही में पीएलएफएस सर्वे जारी किया जाता है। इन आंकड़ों को जारी करने की शुरुआत यानी पिछले 6 साल के दौरान किसी भी तिमाही में वेतन पर काम करने वाली महिलाओं की यह सबसे कम हिस्सेदारी है।
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में कुल कामकाजी महिलाओं में वेतन पर काम करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी 61.2 प्रतिशत थी।
इस सर्वे में रोजगार की स्थिति को जानने के लिए 'ताजा साप्ताहिक स्थिति' (सीडब्ल्यूएस) का इस्तेमाल किया गया है। इसमें व्यक्ति के काम के प्रकार के मुताबिक वर्गीकरण किया जाता है, जिसमें संदर्भ की अवधि एक सप्ताह होती है। इस दौरान रोजगार करने वाले व्यक्ति की स्थिति, जैसे स्व रोजगार और नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारी व अस्थायी श्रमिक, शामिल की जाती है।
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