अगर आपने ऐसे किसी ट्रस्ट या संस्था को दान दिया है, जो आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत कर छूट का लाभ दिलाते हैं तो आपको उनसे फॉर्म 10बीई जरूर ले लेना चाहिए। पहले दानकर्ताओं को बतौर सबूत उस संस्था से मिली दान रसीद ही पेश करनी पड़ती थी। मगर वित्त वर्ष 2022-23 से नियम बदल गए हैं और अब दानकर्ता को संस्था से फॉर्म 10बीई लेना ही पड़ता है और यह फॉर्म 31 मई से पहले पेश भी करना पड़ता है।
क्यों पड़ी जरूरत?
धारा 80जी में संशोधन इसलिए किया गया था ताकि मंजूरी प्राप्त संगठनों को फॉर्म 10बीडी आयकर विभाग के पास जमा करना पड़े। सिरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर एसआर पटनायक बताते हैं, ‘आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत मंजूरी पाने वाले धर्मार्थ संगठनों को मिले दान का मिलान आयकर रिटर्न में दान देने का दावा करने वालों की बताई कर कटौती की राशि से करना और उसका सत्यापन करना आसान काम नहीं होता। सत्यापन की इसी प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए 2020 में धारा 80जी में संशोधन किया गया। इससे करदाताओं के कर छूट के फर्जी दावों का खतरा कम हो गया।’
Denne historien er fra May 27, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
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यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
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जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
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ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
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हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
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दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी