उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कहा कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी की तरफ से '0.001 फीसदी लापरवाही' भी हुई हो, तो उससे हर हाल में निपटा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कठोर परिश्रम करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए मामले को बहुत गंभीरता से हल किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी के अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र और एनटीए की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं से कहा, 'परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए आपको दृढ़ रहना चाहिए। यदि कोई गलती हुई है, तो स्वीकारिए कि गलती हुई है। यह भी बताइए कि इस मामले में क्या कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आपके कामकाज में भरोसा तो पैदा होगा।'
पीठ गत 5 मई को हुई परीक्षा में छात्रों को कृपांक दिए जाने समेत अन्य शिकायतों से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। पीठ ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि छात्र विशेष रूप से इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कितना परिश्रम करते हैं। कल्पना कीजिए कि व्यवस्था से धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति चिकित्सक बन जाए। वह समाज के लिए कितना अधिक घातक है।'
Denne historien er fra June 19, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 19, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
देश के बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.1 फीसदी बढा
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी