आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर उद्यमशीलता के मकसद से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले प्रतिष्ठानों की हिस्सेदारी अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के दौरान बढ़कर 21.1 प्रतिशत हो गई है, जो अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान 13.9 प्रतिशत थी।
Denne historien er fra July 06, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra July 06, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
![जीडीपी का 10% अंबानी की संपत्ति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/HkM9e101H1723177999033/1723178110039.jpg)
जीडीपी का 10% अंबानी की संपत्ति
अंबानी परिवार देश का सबसे मूल्यवान कारोबारी परिवार बन कर उभरा है। बार्कलेज-हुरुन इंडिया की ताजा रिपोर्ट में उनकी संपत्ति 25.75 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जो भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है। रिपोर्ट के अनुसार यह परिवार रिलायंस इंडस्ट्रीज के नेतृत्व में ऊर्जा, रिटेल और दूरसंचार क्षेत्रों में मुख्य तौर पर अपना कारोबार करता है।
![वक्फ विधेयक पेश, जेपीसी को भेजा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/hOBYNce6y1723177851275/1723177996997.jpg)
वक्फ विधेयक पेश, जेपीसी को भेजा
विपक्षी दलों ने विधेयक को बताया संविधान के विरुद्ध
![आय, बचत पर फिनटेक से सकारात्मक प्रभाव संभव](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/OYidPKUSs1723177702611/1723177839311.jpg)
आय, बचत पर फिनटेक से सकारात्मक प्रभाव संभव
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि फिनटेक सॉल्यूशंस के विकास से भारत में आय, बचत और संपत्ति सृजन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ सकता है, जिसकी देश की सामाजिक स्थिरता में अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिनटेक उद्योग को उन चुनौतियों को लेकर जागरूक रहना होगा, जिनका असर समाज पर पड़ सकता है।
!['चूक करने वाले प्रवर्तकों को छूट नहीं'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/__ZyKHRlT1723177531821/1723177701492.jpg)
'चूक करने वाले प्रवर्तकों को छूट नहीं'
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चूक करने वाले प्रवर्तकों को अपनी कंपनी के लिए फिर से बोली लगाने की अनुमति नहीं है। उन्हें पिछले दरवाजे से आकर कम कीमत पर कंपनी खरीदने से रोका गया है।
![यूपीआई के लिए 'डेलीगेटेड पेमेंट्स' की तैयारी शुरू](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/TFnpocaf81723177425982/1723177525303.jpg)
यूपीआई के लिए 'डेलीगेटेड पेमेंट्स' की तैयारी शुरू
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर 'डेलीगेटेड पेमेंट्स' शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस सुविधा से कई उपयोगकर्ताओं को एक बैंक खाते से यूपीआई भुगतान करने की अनुमति मिलेगी और खाताधारक यूपीआईआधारित खाते से जुड़े सेकंडरी यूजर्स के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट तय कर सकेगा।
![बैंकों को नए उत्पादों और सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए: दास](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/8ux8lo5pK1723177348230/1723177420451.jpg)
बैंकों को नए उत्पादों और सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए: दास
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को बैंकों को नए उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने के साथ-साथ अपने शाखा नेटवर्क का लाभ उठाने का निर्देश दिया ताकि घरेलू वित्तीय बचत को जमा के रूप में आकर्षित किया मौजूदा समय में बैंकों के ऋण और जमा की वृद्धि में अंतर है, जिससे बैंकों में नकदी प्रबंधन को लेकर चिंता बढ़ रही है।
!['खाद्य मुद्रास्फीति के दबाव की अनदेखी संभव नहीं'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/w7_7dd0eb1723177214463/1723177346574.jpg)
'खाद्य मुद्रास्फीति के दबाव की अनदेखी संभव नहीं'
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के दबाव को मौद्रिक नीति समिति द्वारा नजर अंदाज नहीं किया जा सकेगा। उनका यह बयान आर्थिक समीक्षा में हाल में दिए गए सुझाव के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि भारत के मुद्रास्फीति-लक्षित ढांचे में खाद्य कीमतों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
![नियम से नहीं चल रहीं कुछ इकाइयां](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/bUro8mUZW1723177062982/1723177214976.jpg)
नियम से नहीं चल रहीं कुछ इकाइयां
आरबीआई ने कहा कि कुछ बैंक और एनबीएफसी टॉप-अप ऋण नियमों पर सख्ती से ध्यान नहीं दे रहे
![एफएमसीजी की बिक्री 4 प्रतिशत बढ़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1792935/Yg4QYZFd11723176942516/1723177043953.jpg)
एफएमसीजी की बिक्री 4 प्रतिशत बढ़ी
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश में तेजी से खपत होने वाली वस्तुओं यानी एफएमसीजी की बिक्री कीमत के लिहाज से 4 फीसदी ही बढ़ी क्योंकि खपत में सुस्ती देखी गई। मात्रा के लिहाज से बिक्री में 3.8 फीसदी इजाफा हुआ। उपभोक्ता शोध कंपनी नीलसनआईक्यू ने इन आंकड़ों के साथ बताया कि इस तिमाही में कीमतें 0.2 फीसदी ही ने बढ़ीं, जिससे पता चलता है कि बाजार ठहरा हुआ है।
लेनदारों के खाते में 48 घंटे के भीतर रकम जमा कराए हिंदुजा
आरकैप के अधिग्रहण पर एनसीएलटी का आदेश