तकदीर ने टाटा समूह को ऐसी स्थिति में रखा था जहां कुछ ही लोगों को यह उम्मीद थी कि वह कामयाब हो सकेंगे। बहरहाल वह कामयाब ही नहीं हुए बल्कि उन्होंने भारी-भरकम टाटा समूह को भारत केंद्रित समूह से दुनिया के सबसे अहम नामों में से एक बनाने में निर्णायक भूमिका भी निभाई। उन्होंने समूह को पुराने जमाने के कारोबार से एक आधुनिक समूह बनाया जिसका सॉफ्टवेयर कारोबार उसकी सबसे अहम पहचान बना। एयर इंडिया जो कभी टाटा समूह से अलग हुआ था वह दोबारा टाटा समूह के पाले में आया। समान महत्त्व की एक बात यह भी है कि टाटा ने समूह के चरित्र में बदलाव किया और उसे एक संघीय ढांचे से बदलकर एक समेकित परिचालन वाला बनाया जिसका नेतृत्व समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के पास है जो टाटा ट्रस्ट के नियंत्रण में रहती है।
आश्चर्य नहीं कि टाटा समूह के नेतृत्वकर्ता के रूप में उनकी यात्रा 1991 में आरंभ हुई। यही वह वर्ष था जब भारत ने आर्थिक सुधारों और उदारीकरण को अपनाया था। एक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय हुआ और दुनिया भर में भारत की प्रबंधन और तकनीकी क्षेत्र की प्रतिभाओं का विस्तार हुआ। इस पूरे किस्से में असंख्य बिंदुओं को मिलाने वाले सूत्र के रूप में टाटा की निजी यात्रा को भी देखा जा सकता है। गीता पीरामल ने 1990 के दशक में पहली बार प्रकाशित पुस्तक ‘बिज़नेस महाराजाज’ में लिखा, ‘टाटा होना कठिन है। यह उपनाम नाकाम होने की इजाजत नहीं देता।’ फिर भी जब टाटा ने पद संभाला तो बुद्धिमानों का यही मानना था कि उन्हें नाकामी हाथ लगेगी।
Denne historien er fra October 11, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra October 11, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
फ्रंट-रनिंग: केतन पारेख की भूमिका?
फ्रंट-रनिंग एक धोखाधड़ी वाली प्रणाली है, जिसमें कारोबारी निजी लाभ के लिए बड़े ग्राहकों के ऑर्डरों की अग्रिम जानकारी का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि केतन पारेख के मामले में देखा गया
व्यय बढ़ाने को राज्यों को ज्यादा पैसा दे रही सरकार
केंद्र सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए तय किए गए पूंजीगत खर्च के लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों को धन दे रही है
मिनिमलिस्ट को खरीदेगी एचयूएल
स्किनकेयर ब्रांड मिनिमलिस्ट को 3,000 करोड़ रुपये में खरीदने की तैयारी
मोदी ने दिल्ली के लिए खोला दिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों को 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों की चाबियां सौंपीं और इन्हें आत्मसम्मान, गरिमा और नई आकांक्षाओं व सपनों का प्रतीक बताया।
कोहरे से 500 उड़ानें, 24 ट्रेनें प्रभावित
कोहरा और धुंध एक बार फिर परेशान करने लगी है। राजधानी दिल्ली में घने कोहरे के कारण शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली लगभग 500 उड़ानों में देर हुई जबकि 24 रेलगाड़ियां भी अपने गंतव्य पर देर से पहुंची।
कुशल पेशेवर दोनों देशों के लिए मददगार
अमेरिका में एच1बी वीजा पर छिड़ी बहस पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
आगामी बजट में रक्षा क्षेत्र पर हो विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास इस बार पहले जैसा या एक ही लीक पर चलने वाला बजट पेश करने का विकल्प नहीं है। वृद्धि, रोजगार, बुनियादी ढांचे और राजकोषीय संतुलन पर जोर तो हमेशा ही बना रहेगा मगर 2025-26 के बजट में उस पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसे बहुत पहले तवज्जो मिल जानी चाहिए थीः बाह्य और आंतरिक सुरक्षा।
महिला मतदाताओं की बढ़ती अहमियत
पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो। बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार के पुरुषों के कहने पर वोट नहीं देतीं। अब वे अपनी समझ से काम करती हैं और रोजगार, आर्थिक आजादी, परिवार के कल्याण तथा अपने अरमानों को ध्यान में रखकर ही वोट देती हैं।
श्रम मंत्रालय तैयार कर रहा है रूपरेखा
गिग वर्कर की सामाजिक सुरक्षा
भारत के गांवों में गरीबी घटी
वित्त वर्ष 2024 में पहली बार गरीबी अनुपात 5 प्रतिशत से नीचे गिरकर 4.86 प्रतिशत पर आ गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत था