135 साल से खाना पहुंचा रहे डब्बावाले
मुंबई में डब्बावालों की शुरुआत अंग्रेजी हुकूमत के दौरान सन् 1890 में हुई थी। उस वक्त एक पारसी बैंकर महादु हावजी बचे को दफ्तर में आने वाला खाना नापसंद था और वह घर का बना खाना ही दफ्तर में भी चाहते थे। पहली बार उन्होंने ही डब्बावाला को यह जिम्मेदारी दी। यह तरीका कई लोगों को पसंद आया और देखते ही देखते डब्बे से खाना पहुंचाने वालों की मांग बढ़ गई। उनके लिए हावजी बचे ने ही डब्बेवाले रख दिए मगर शुरू में यह अनौपचारिक और निजी किस्म की कोशिश थी। हावजी बचे दूरदर्शी थे और उन्हें इसमें बढ़िया कारोबार नजर आ गया। इसके बाद उन्होंने करीब 100 डब्बावालों की टीम के साथ दोपहर का खाना पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। सफेद रंग का कुर्तापायजामा, सिर पर गांधी टोपी, गले में रुद्राक्ष की माला और पैरों में कोल्हापुरी चप्पल पहने डब्बावाले पूरे मुंबई शहर तक घर का बना खाना पहुंचाते हैं। खाना सही व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पहले रंगों के कोड शुरू किए गए और बाद में कारोबार बढ़ने के साथ उनकी जगह अंक और अक्षर वाले (अल्फान्यूमरिक) कोड ने ले ली, जिनकी मदद से बिना किसी गलती के व्यक्ति को उसी के घर का खाना पहुंचा दिया जाता है। इसी हुनर की वजह से डब्बावालों का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ है।
Denne historien er fra October 14, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra October 14, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
आज शपथ लेंगे डॉनल्ड ट्रंप
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के लिए डॉनल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर वाशिंगटन डीसी लौट आए हैं।
दावोस: राज्यों में निवेशकों को लुभाने की होड़
सम्मेलन के लिए महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी कर रहे बैठकें
डेढ़ दशक में ठहर सी गई दिल्ली
राष्ट्रीय विकास का पैमाना कहलाने वाले शहर बदलते भी रहते हैं। उनका भौतिक, सामाजिक और बौद्धिक बुनियादी ढांचा हर 15 साल में नया रूप ले लेता है।
हर वाद पर भारी लोकलुभावनवाद
नई दुनिया में केवल एक ही विचार है जो तमाम वोट बैंकों में पहुँच बना सका है और वह है लोकलुभावनवाद। इसकी खूबसूरती, आकर्षण और सफलता इस बात में निहित है कि इसे इस्तेमाल करना आसान है।
एमआरएफ की नजर बड़ी निर्यात संभावनाओं पर : अरुण मम्मेन
देश की सबसे बड़ी टायर निर्माता कंपनियों में से एक चेन्नई की एमआरएफ लिमिटेड है जो देश के सबसे महंगे शेयरों में से एक है। कंपनी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अरुण मम्मेन ने शाइन जैकब से बातचीत करते हुए कंपनी की वृद्धि से जुड़ी रणनीति, निर्यात से जुड़े रोडमैप और कच्चे माल की कीमतों से जुड़ी चिंताओं पर बात की। बातचीत के संपादित अंश
छोटे चारपहिया व तिपहिया के लिए टीवीएस के साथ आई ह्युंडै
दक्षिण कोरिया की दिग्गज वाहन कंपनी ह्युंडै मोटर कंपनी ने भारत में अंतिम छोर तक की परिवहन सेवा प्रदान करने वाले बाजार में प्रवेश करने के लिए टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड को शामिल किया है। ह्युंडे ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में आधुनिक इलेक्ट्रिक तिपहिया और छोटे चार पहिया वाहनों के कॉन्सेप्ट मॉडल का अनावरण किया।
निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को निर्वाचन आयोग की सराहना करते हुए कहा कि इस स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण ने जन-शक्ति को और ताकत देने के लिए तकनीक की शक्ति का उपयोग किया तथा निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्धता भी दिखाई है।
आर्सेलर-निप्पॉन की कोल्ड रोलिंग मिल मार्च में शुरू होगी
वैश्विक स्टील निर्माताओं आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील का संयुक्त उद्यम आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया गुजरात के हजीरा में इस साल मार्च में ऑटो केंद्रित कोल्ड रोलिंग मिल (सीआरएम) चालू करने जा रहा है।
25 लाख रुपये से ज्यादा दाम वाली श्रेणी पर दे रहे ध्यान : बीवाईडी
कंपनी और ज्यादा किफायती श्रेणियों में ग्राहकों की पसंद तथा मांग का भी लगातार आकलन कर रही है
ईवी-तेल वाले वाहनों में कम हो मूल्य अंतरः किया
जब ग्राहक गाड़ी खरीदने जाएं, तो इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) भी गैस-तेल इंजन के बराबर टक्कर वाले विकल्प दिखें, इसके लिए दोनों की कीमतों का अंतर मौजूदा 30 से 50 प्रतिशत से कम करके 20 से 25 प्रतिशत तक करना होगा, जिससे इस दशक के अंत तक ईवी बाजार में संभावित रूप से सात से नौ गुना उछाल आएगी।