■ चुनाव में प्रति उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च की सीमा
■ प्रति चाय 10 रुपये, वड़ा पाव 25 रुपये और प्रति व्यक्ति नाश्ते का खर्च 30 रुपये तय किया गया है।
■ झंडे, बैनर और ढोलताशे की दर भी तय है और इन सभी खर्च को उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाता है
त्योहारी सीजन भले ही खत्म हो गया है लेकिन विधान सभा चुनावों की रौनक से मुंबई और आसपास का इलाका गुलजार है। चुनावी नैया पार करने के लिए उम्मीदवार अपने समर्थकों के खाने-पीने और परिवहन की सुविधा का भी पूरा खयाल रखते हैं। चुनाव आयोग ने धनबल को रोकने के लिए खर्च की सीमा के साथ ही चाय, कुर्सी, टेंट, गाड़ी, होटल आदि की दर तय कर दी है। ऐसे में उम्मीदवार गैर-जरूरी खर्च के लिए नकद पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।
आयोग के हिसाब से एक चाय 10 रुपये की, एक वड़ा पाव 25 रुपये का पड़ेगा और एक व्यक्ति के नाश्ते पर 30 रुपये से ज्यादा खर्च नहीं किए जाएंगे। इसी तरह चुनाव प्रचार के लिए दो घंटे के लिए रथ का किराया 15,550 रुपये और तीन घंटे के लिए 22,000 रुपये तय किया है। झंडे, बैनर और ढोल-ताशे की दर भी तय है और इन सभी खर्च को उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाता है।
विधान सभा चुनाव में प्रति उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च की सीमा तय की गई है। किसी उम्मीदवार को ज्यादा पैसों का अनुचित लाभ न मिले और चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष हो, इसके लिए खर्च की सीमा तय की गई है। मगर उम्मीदवार चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित खर्च की सीमा से कई गुना ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
Denne historien er fra November 11, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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