ऐसा नहीं है कि सरकार इन मुद्दों के प्रति असंवेदनशील रही या इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। उदाहरण के लिए प्राप्ति पोर्टल (पेमेंट रेटिफिकेशन ऐंड एनालिसिस इन पॉवर प्रोक्योरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपेंरेंसी इन इनवाइसिंग ऑफ सप्लायर्स) ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा ऊर्जा उत्पादकों को किए जाने वाले भुगतान की प्रक्रिया में कमियों का पता लगाने और उनमें सुधार के लिए काफी काम किया। ऊर्जा मंत्रालय ने इसमें देरी करने वालों पर बहुत कड़ाई बरती। सरकार ने समय-समय पर छोटी और मझोली कंपनियों का पैसा रोकने या देर से देने वालों पर जुर्माना लगाने तथा इस संबंध में सख्त दिशानिर्देश जारी कर सुधार के प्रयास किए। लेकिन, टीवी सोमनाथन (वर्तमान में कैबिनेट सचिव) जब वित्त मंत्रालय में थे, तो उन्होंने जमीन पर व्यवस्थित रूप से कार्रवाई करते हुए इस कमजोरी को दूर करने की कोशिश की। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 29 अक्टूबर, 2021 को ‘खरीद और परियोजना प्रबंधन पर सामान्य दिशानिर्देश’ शीर्षक से एक अधिसूचना जारी की थी। सुधारों पर अन्य सरकारी घोषणाओं के विपरीत इसे बहुत कम करके आंका गया, लेकिन यह जमीनी स्तर पर चुपचाप किए जाने वाले सुधारों का उत्कृष्ट उदाहरण था।
सामान्य तौर पर सरकारी सेवाओं और अनुबंधों के लिए खरीद में अव्यवस्था पर अपेक्षित कार्रवाई के लिए यह 22 पृष्ठों का नोटिस भर था, लेकिन इसकी जिस बात ने निजी क्षेत्र को राहत और खुशी दी, वह यह कि इसमें भुगतान में देरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायतें दी गई थीं। इसमें साफ तौर पर व्यवस्था की गई थी कि पात्र चालू खाता बिलों का कम से कम 75 प्रतिशत भुगतान बिल जमा करने के 10 कार्यदिवसों के भीतर किया जाना चाहिए। शेष पैसा बिलों की अंतिम जांच परख के बाद 28 कार्यदिवसों में हर हाल में दे दिया जाए।
Denne historien er fra November 20, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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