मेरिका-चीन व्यापार युद्ध मार्च 2018 में शुरू हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील के आयात पर 25 फीसदी और एल्यूमीनियम आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगा दिया। बाद में यह शुल्क चीन से आने वाली सैकड़ों वस्तुओं पर लगा दिया गया ताकि व्यापार असंतुलन ठीक हो सके और अमेरिकी उद्योगों को संरक्षण भी मिल सके।
ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद मेक्सिको, कनाडा, चीन और अन्य देशों पर नए शुल्क लगाने की योजना बनाई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पिछले छह साल में अमेरिका के शुल्कों और अन्य व्यापार प्रतिबंधों का विश्व व्यापार पर कैसा प्रभाव पड़ा। व्यापार युद्ध में जीत किसकी हुई और सबसे ज्यादा नुकसान किसका हुआ? यह जानने के लिए हमने 2017 (व्यापार युद्ध शुरू होने से एक साल पहले) और 2023 (जिसके आंकड़े आ चुके हैं) के बीच विश्व व्यापार में हुए बदलावों पर गौर किया। नतीजों ने हमें हैरान कर दिया।
अमेरिका का बढ़ता आयात: जब अमेरिका ने शुल्क लगाया तब उसे उम्मीद थी कि चीन और बाकी दुनिया से आयात घटेगा तथा अमेरिका के भीतर उत्पादन बढ़ेगा। चीन से अमेरिका में होने वाले आयात में 2017 और 2023 के बीच 81.56 अरब डॉलर की कमी आई और यह 519.52 अरब डॉलर से घटकर 437.96 अरब डॉलर रह गया। मगर अमेरिका का कुल आयात 31.51 फीसदी बढ़कर 2,310 अरब डॉलर से 3,040 अरब डॉलर तक पहुंच गया, यानी 763.1 अरब डॉलर का इजाफा, जो चीन से आयात में हुई कमी का लगभग 10 गुना है। इससे पता चलता है कि विनिर्माण के मामले में प्रतिस्पर्धा करने की अमेरिकी क्षमता घट गई है। इस बीच चीन ने दुनिया भर को अपने निर्यात में 1,100 अरब डॉलर का शानदार इजाफा किया है और 2,300 अरब डॉलर से बढ़कर अब यह 3,400 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। उधर अमेरिका का निर्यात 383 अरब डॉलर बढ़ा और 1,310 अरब डॉलर से 1,690 अरब डॉलर पर ही पहुंच पाया है।
Denne historien er fra December 24, 2024-utgaven av Business Standard - Hindi.
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