इंडिया को भारत से जोडने की डिजिटल यात्रा
Business Standard - Hindi|January 02, 2025
2000 के दशक की शुरुआत के बाद ही दूरसंचार को केंद्र में रखते हुए कन्वर्जेंस को बढ़ावा दिया गया था। अब तकनीक से चलने वाला भविष्य कनेक्टिविटी क्रांति को उसके वास्तविक अर्थ में रफ्तार दे सकता है
निवेदिता मुखर्जी
इंडिया को भारत से जोडने की डिजिटल यात्रा

हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड की एक बैठक में पूरी चर्चा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य सेवा एवं होटल कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव पर ही केंद्रित रही। हालांकि कोई भी निश्चित रूप से नहीं कह सकता है कि इसका परिणाम क्या होगा, इससे लोगों की नौकरियां जाएंगी या रोजगार के मौके तैयार होंगे या दोनों ही स्थिति बन सकती है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि एआई हमारे रहने और काम करने के तरीके को तेजी से बदल देगी, शायद पिछले 25 वर्षों में कनेक्टिविटी से जुड़ी जो क्रांति देखी गई है, यह उससे भी तेज होगा।

यह क्रांति धीरे-धीरे शुरू हुई और फिर तूफान बन गई। चाहे वह 2जी से 5जी दूरसंचार सेवाओं का विकास हो, स्थानीय किराना दुकानों से ऑनलाइन खरीदारी की ओर बढ़ना हो, यूपीआई भुगतान का बढ़ता उपयोग हो, महामारी के बाद घर से काम करने के लिए वर्चुअल मीटिंग पर निर्भरता बढ़ना हो, या बड़े पर्दे की जगह ओटीटी को अपनाने की बात हो, इस इंटरनेट कनेक्टिविटी क्रांति ने पूरे खेल को बदल कर रख दिया है और सभी को स्मार्टफोन के माध्यम से सारी सुविधाएं मिल रही हैं।

इन सबकी शुरुआत 2000 के दशक से पांच वर्ष पहले हुई थी जब भारत में मोबाइल फोन सेवाओं की शुरुआत हुई थी। पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने 31 जुलाई, 1995 को कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग से पहली सेलफोन कॉल, नई दिल्ली में बैठे संचार मंत्री सुखराम को की थी।

सदी के अंत में संचार सेवाओं को एक साथ लाने का प्रयास हुआ। कई मंत्रालयों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद संचार अभिसरण (कन्वर्जेस) विधेयक, 2000 का मसौदा तैयार किया गया था। बैठकों में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने हिस्सा लिया था और मंत्रिसमूह की अध्यक्षता की। इस विधेयक का उद्देश्य प्रसारण, इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं को एक साथ लाने के लिए नियामकीय ढांचा तैयार करना था। यह प्रस्तावित विधेयक अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों के समान कानूनों से प्रेरित था।

Denne historien er fra January 02, 2025-utgaven av Business Standard - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra January 02, 2025-utgaven av Business Standard - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA BUSINESS STANDARD - HINDISe alt
भारत के लिए ट्रंप नहीं, बाइडन थे बेहतर!
Business Standard - Hindi

भारत के लिए ट्रंप नहीं, बाइडन थे बेहतर!

सर्वेक्षण : भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने ट्रंप के शासन काल में द्विपक्षीय संबंधों के प्रति जताई चिंता

time-read
2 mins  |
March 11, 2025
शुल्क पर अभी हो रही बातचीत
Business Standard - Hindi

शुल्क पर अभी हो रही बातचीत

सरकार ने संसदीय समिति को बताया, अमेरिका से शुल्क घटाने का नहीं किया कोई वादा

time-read
2 mins  |
March 11, 2025
लुढ़कते बाजार में भी एसएमई आईपीओ गुलजार
Business Standard - Hindi

लुढ़कते बाजार में भी एसएमई आईपीओ गुलजार

शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए प्रमुख कंपनियां अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने से भले ही परहेज कर रही हों मगर छोटे एवं मझोले उपक्रम (एसएमई) सेगमेंट में कई कंपनियां धड़ल्ले से आईपीओ ला रही हैं।

time-read
2 mins  |
March 11, 2025
Business Standard - Hindi

महिंद्रा एग्री की नए वैश्विक बाजारों पर नजर

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की सहायक कंपनी महिंद्रा एग्री सॉल्यूशंस लिमिटेड (एमएएसएल) अपने भारतीय टेबल अंगूरों (फल के रूप में सीधे उपभोग किए जाने वाले अंगूर) के लिए नए बाजार तलाश रही है।

time-read
1 min  |
March 11, 2025
Business Standard - Hindi

बाजार ने शुरुआती लाभ गंवाया, सेंसेक्स व निफ्टी में गिरावट

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सोमवार को दोनों मानक सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में गिरावट रही।

time-read
1 min  |
March 11, 2025
Business Standard - Hindi

खनिज की बिसात पर भारत पीछे

खनिज एवं अन्य संसाधन खोजने की ललक ही 16वीं शताब्दी से यूरोपीय उपनिवेशवाद के प्रसार की बड़ी वजह रही थी।

time-read
4 mins  |
March 11, 2025
अभी भारतीय शेयरों में खरीदारी का समय नहीं
Business Standard - Hindi

अभी भारतीय शेयरों में खरीदारी का समय नहीं

अक्टूबर 2024 से भारतीय बाजारों के लिए यह एकतरफा चाल रही है।

time-read
3 mins  |
March 11, 2025
भारत के तकनीकी स्टार्टअप में तेजी
Business Standard - Hindi

भारत के तकनीकी स्टार्टअप में तेजी

देश में तकनीकी स्टार्टअप में हो रही तेज़ वृद्धि को कारगर बनाने और उसमें मदद करने के लिए नीतियों में किस तरह के बदलाव की ज़रूरत है, समझा रहे हैं अजित बालकृष्णन

time-read
4 mins  |
March 11, 2025
'भारत से संबंध सहज बनाएंगे'
Business Standard - Hindi

'भारत से संबंध सहज बनाएंगे'

बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व प्रमुख मार्क कार्नी होंगे नए प्रधानमंत्री

time-read
2 mins  |
March 11, 2025
पीआरआईपी के तहत अगस्त तक धन मिलने की उम्मीद
Business Standard - Hindi

पीआरआईपी के तहत अगस्त तक धन मिलने की उम्मीद

औषधि विभाग (डीओपी) को उम्मीद है कि वह इस साल अगस्त तक फार्मा मेडटेक में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन (पीआरआईपी) योजना के दूसरे घटक के तहत मंजूरी देना शुरू कर देगा।

time-read
1 min  |
March 11, 2025