वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनाओं की घोषणाओं से परहेज किया और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर की दरें भी यथावत रखी हैं। आयकर सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा, 'अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के वर्ष होंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के सुनहरे पल होंगे।'
वित्त वर्ष 2024-25 में बजट का आकार 6.1 फीसद बढ़कर 47.66 लाख करोड़ रुपए रहा है। व्यय में वृद्धि और पूंजीगत व्यय तथा सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए अधिक आबंटन के कारण बजट का आकार बढ़ा है।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां पूंजीगत व्यय 11 फीसद बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 फीसद कर दिया है। हालांकि, 2014-15 से पहले के 25,000 रुपए तक की छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया। लगभग एक घंटे के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रखा और पर्यटन, आवास तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उपायों की घोषणा की।
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