- प्रधानमंत्री ने कहा, राम मंदिर का प्रस्ताव देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा।
- प्रस्ताव में कहा गया है कि राम मंदिर 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रत्यक्ष प्रतीक है। एक राष्ट्र के रूप में इस पल के साकार होने में हमारी न्यायपालिका और समाज के एक बड़े हिस्से की अहम भूमिका रही है।
- जब मंदिर को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला आया था, तब प्रधानमंत्री ने देश में जय-पराजय की भावना की जगह शांति बनाए रखने की अद्भुत प्रेरणा समाज को दी।
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शनिवार को अयोध्या में 'श्रीराम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा' को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन मौके पर देश को एक सूत्र में बांधने की दिशा में अतुलनीय भूमिका निभाई है। यह एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि है, जो देश में आने वाली पीढ़ियों को एकता के मूल्यों का संदेश देगी। वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रस्ताव भावी पीढ़ी को देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति देगा।
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