आज सड़क हादसे अत्यधिक हो रहे हैं ऐसे में इनसे संबंधित कानूनों की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है।
क्या है कानून :-
सड़क हादसे अनेक प्रकार के होते हैं जैसे दो पहिया वाहन का किसी ट्रक से टकरा जाना, किसी कार से टकरा जाना, किसी कार का किसी दो पहिया वाहन से टकरा जाना, किसी ट्रक का किसी कार से टकरा जाना। ऐसे अनेक प्रकार के सड़क हादसे आज देखने को मिलते हैं।
इन सड़क हादसों में आपराधिक और सिविल दोनों प्रकार के कानून भारत में लागू होते हैं। आपराधिक कानून लापरवाही से गाड़ी चलाने पर से अपराधी को दंड देने का उल्लेख करता है और सिविल कानून किसी आदमी को होने वाली नुकसानी के बदले प्रतिकर दिलाने का उल्लेख करता है।
आपराधिक कानून :-
सड़क हादसों से संबंधित आपराधिक कानून में हादसे की स्थिति अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। किसी भी सड़क हादसे में पीड़ित को कितनी क्षति हुई है। यह हादसे की स्थिति पर निर्भर करता है। इन सब बातों के पहले भी लापरवाही से वाहन चलाना ही अपराध बनाया गया है। यह स्पष्ट उल्लेख कानून में किया गया है कि कोई भी व्यक्ति लापरवाह से वाहन नहीं चलाएगा और कोई भी ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे उसकी लापरवाही लोगों की जिंदगी में खतरा बन जाए।
भारतीय दंड संहिता इन कानूनों का उल्लेख करती है। निम्न धाराओं में वाहन दुर्घटना से संबंधित कानून का उल्लेख मिलता है जहां दुर्घटना होने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करती है।
धारा 279 :- भादंवि लापरवाही से वाहन चलाना
भारतीय दंड संहिता 1860 की यह धारा लापरवाही से वाहन चलाने के मामले में लागू होती है। यदि कोई भी व्यक्ति सड़क पर खतरनाक तरीके से गाड़ी चला रहा है दूसरे वाहनों को ओवरटेक करके निकल रहा है, तब ऐसा व्यक्ति दूसरे लोगों की जिंदगी को खतरे में डालता है। इस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज करने के लिए किसी वाहन की नुकसानी भी आवश्यक नहीं है केवल लापरवाही से गाड़ी चलाना ही इस मामले में आवश्यक होता है।
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