ऑस्ट्रेलिया में मिनिमम लेबर कॉस्ट 1800 प्रति घंटे, इंडिया में 200 रुपए भी नहीं
2020 की ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के हाई नेटवर्थ वाले लोगों में अपने देश की नागरिकता छोड़ने की बड़ी वजह अपराध की बढ़ती दर या घर में व्यवसायिक अवसरों की कमी होना है।
रिपोर्ट के मुताबिक अपने देश की नागरिकता छोड़कर दूसरे देश की नागरिकता लेने के पीछे ये भी वजहे हैं महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल की तलाश, लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे प्रदूषण मुक्त हवा, फाइनेंशियल कंसर्न जैसे ज्यादा कमाई और कम टैक्स। इसके अलावा परिवार के लिए बेहतर हेल्थकेयर, बच्चों के लिए एजुकेशनल और ऑप्रेसिव सरकार से बचकर निकलना भी वजहें होती हैं।
एक्यूस्ट एडवाइजर के CEO परेश कारिया कहते हैं, '2020 में विदेशों में बसने के लिए की गई पूछताछ में सबसे ज्यादा बेहतर हेल्थकेयर, कम प्रदूषण और बिजनेस के लिए आसान देशों जैसे बिंदु रहे। कनाडा, UK, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बारे में लोग ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं। अमेरिका का आकर्षण कम हुआ है। इसकी वजह ग्रीन वीजा के लिए निवेश की राशि का 5 लाख डॉलर से बढ़कर 9 लाख डॉलर होना है।'
भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद कुछ स्पेसिफिक देश ही क्यों चुनते हैं?
ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू ग्लोबल डेटा पर फोकस करता है, लेकिन इसके कुछ फैक्टर भारत पर भी लागू होते हैं। आमतौर पर जिन देशों में लंबे वक्त से भारतीय जा रहे हैं और जहां उनकी फैमिली और फ्रेंड्स रहते हैं, वो देश ऑटोमेटिक पसंद बन जाते हैं। इसके अलावा जिन देशों में पेपर वर्क आसान होता है, वहां भी लोग जाते हैं।
भारत की नागरिकता छोड़ने की 4 बड़ी वजहें है
Denne historien er fra 18 January 2023-utgaven av Rising Indore.
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