सिविल प्रकरणों में गिरफ्तारी और हिरासत का उद्देश्य डिक्री धारक को राहत प्रदान करना है और देनदार को सिविल जेल भेजना है यदि वह ऐसा करने के लिए वित्तीय साधन होने के बावजूद डिक्री राशि का भुगतान करने में विफल रहता है। हालांकि, यह उन ईमानदार देनदारों की रक्षा करता है जिनकी भुगतान करने में विफलता उचित कारण के कारण होती है। समान न्याय सुनिश्चित करने के लिए, अदालत को देनदारों को सुनवाई का अधिकार देना चाहिए। इसका उद्देश्य डिक्रीधारक को उसके पक्ष में मुकदमे का निर्णय के बाद एक बचाव का अवसर देना है। यदि निर्णय देनदार उसके विरुद्ध जारी डिक्री का पालन करने में विफल रहता है, तो ऐसा उपाय गिरफ्तारी और कारावास के रूप में लिया जा सकता है।
यह नियम उस व्यक्ति पर लागू होता है जो संहिताप्रवर्तित डिक्री का लक्ष्य है। यदि किसी व्यक्ति के पक्ष में निर्णय जारी किया जाता है, तो उस व्यक्ति को डिक्री का पालन कराने के लिए अदालत में जाना होगा। इसके बाद अदालत संहिता के प्रावधानों के आधार पर देनदार की गिरफ्तारी और कारावास का आदेश देगी।
गरीबी कोई अपराध नहीं, जिसके पास भुगतान करने का कोई स्रोत नहीं, उसके खिलाफ धन डिक्री का हवाला देते हुए उसे जेल नहीं भेजा जा सकताः हाइकोर्ट
मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि किसी देनदार के खिलाफ केवल धन डिक्री के आधार पर उसे सिविल जेल में नहीं भेजा जा सकता, यदि उसके पास कोई इनकम का स्रोत नहीं है।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि गरीबी के कारण डिक्रीटल राशि का भुगतान करने में असमर्थता कोई अपराध नहीं है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त निर्णय के मद्देनजर यह स्पष्ट है कि केवल इसलिए कि प्रतिवादी के पक्ष में धन डिक्री है। याचिकाकर्ता के पास डिक्रीटल राशि का भुगतान करने के लिए कोई संपत्ति या स्रोत नहीं होने पर उसे सिविल जेल नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि गरीबी कोई अपराध नहीं है।
अदालत ने अपनी टिप्पणियों के समर्थन में जॉली जॉर्ज वर्गीस और अन्य बनाम बैंक ऑफ कोचीन (1980) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अंश दोहराया।
जॉली वर्गीस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
Denne historien er fra 21 February 2024-utgaven av Rising Indore.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra 21 February 2024-utgaven av Rising Indore.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
डोनाल्ड ट्रंप की जीत से उनकी भतीजी नाखुश, जताया खेद
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections) नतीजे अब सामने आ गए हैं और इन नतीजों में रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बड़ी जीत हासिल हुई है।
ट्रंप की जीत के बाद अब भारत में ट्रंप टॉवर पर फोकस
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत ने भारत में उनके रिहायशी प्रोजेक्ट ट्रम्प टॉवर को तेज गति दी है। उनकी दूसरी जीत के बाद देश में एक डेवलपर ने आधा दर्जन नई डी का ऐलान किया । गंगनचुंबी इमारत ट्रम्प टॉवर में लग्जरी अपार्टमेंट की शुरुआती कीमत साढ़े चार करोड़ रुपए है।
क्रूर पति के बच्चे को मुझे जन्म नहीं देना
इंदौर में लव मैरिज के एक साल बाद ही पति-पत्नी में इतने विवाद हुए कि उनके बीच की चाहत एक-दूसरे के लिए नफरत में बदल गई। पत्नी ने गर्भ में पल रहे बच्चे के अबॉर्शन की अनुमति हाईकोर्ट से मांगी। हाईकोर्ट के आदेश पर महिला एडवोकेट बतौर काउंसलर नियुक्त हुईं। उन्होंने पति-पत्नी की काउंसिलिंग की, सुनवाई में जज ने भी समझाइश दी, लेकिन एजुकेटेड पति-पत्नी साथ रहने को राजी नहीं हुए।
'भीख मांग कर भी मैंटिनेस तो देना होगा' जैसे आदेशों पर लगेगी लगाम! सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता तय करने के लिए 8 पैमाने तय किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से कहा है कि गुजारा भत्ता तय करते वक्त वे पति-पत्नी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, पली और बच्चों की जरूरतें, दोनों के रोजगार की स्थिति, आय और संपत्ति को आधार बनाए।
गाजर का हलवा खाने में ही नहीं, सेहत बनाने मैं भी होता है लाजवाब, जानें इसके फायदे
डॉक्टर आरती मेहरा ने बताया कि गाजर का हलवा खाने से स्वास्थ्य को इतने सारे फायदे होते है।
नेप्रा का कांट्रैक्ट रद्द नहीं होगा
शासन ने दिया निर्देश स्मार्ट सिटी के बोर्ड ने लगाई मोहर
ज्ञान के मंदिर में बनेगा ज्ञान पार्क
विवेकानंद स्कूल के बगीचे और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का प्राधिकरण करेगा सुंदरीकरण
पूरे देश में एक साथ चुनाव का बिल JPC में ...
'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को पुरःस्थापित करने या बिल के एडमीशन पर लोकसभा में मंगलवार को वोटिंग हुई है।
पुलिस थानों में लगा है अटाले का ढेर
इंदौर शहर के पुलिस थानों में अटाले का ढेर लगा हुआ है।
निगम अधिकारी ने ...ida पर रौब जमाया
जो जमीन प्राधिकरण के नाम हुई ही नहीं उसका प्राधिकरण पर टैक्स लगाया...