घरेलू हिंसा से महिला की सुरक्षा अधिनियम, 2005, एक महत्वपूर्ण कानूनी उपकरण है जो घरेलू हिंसा के पीड़ितों के लिए कई प्रकार के उपचार और सुरक्षा प्रदान करता है। मजिस्ट्रेट को आवेदन के माध्यम से, पीड़ित व्यक्ति अपनी और अपने बच्चों की भलाई की सुरक्षा के लिए मौद्रिक राहत, हिरासत आदेश, सुरक्षा आदेश और निवास आदेश मांग सकते हैं।
त्वरित सुनवाई और आवेदनों के शीघ्र निपटान पर अधिनियम का ध्यान यह सुनिश्चित करता है कि पीड़ितों को समय पर राहत और सहायता मिले। कुल मिलाकर, यह कानून महिलाओं को अपमानजनक स्थितियों से बचने और न्याय पाने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन पीड़ित व्यक्ति (पीड़ित), उस क्षेत्र के संरक्षण अधिकारी या पीड़ित व्यक्ति की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।
आवेदन में अधिनियम द्वारा निर्धारित सभी आवश्यक विवरण, मांगी गई राहतों की रूपरेखा शामिल होना चाहिए आवेदन प्राप्त होने पर, मजिस्ट्रेट को तीन दिनों के भीतर सुनवाई निर्धारित करने की आवश्यकता होती है। घरेलू हिंसा से पीड़ित पक्ष को राहत देने हेतु यह त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
अधिनियम मजिस्ट्रेट को पहली सुनवाई की तारीख से 60 दिनों के भीतर अधिनियम की धारा 12 के तहत किए गए सभी आवेदनों का निपटान करने का आदेश देता है यह अधिनियम मजिस्ट्रेट को पीड़ित व्यक्ति की सुरक्षा और समर्थन के लिए विभिन्न आदेश और राहत देने के लिए अधिकृत करता है।
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