हजारों बालिकाओं को लाभान्वित कर 'बेटी है अनमोल' को किया सार्थक
Panchjanya|October 16, 2022
प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को मिला लगभग 279 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का लाभ
हजारों बालिकाओं को लाभान्वित कर 'बेटी है अनमोल' को किया सार्थक

महिला एवं बाल सशक्तिकरण किसी भी देश व प्रदेश के समावेशी, समतुल्य और दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान प्रदेश सरकार के लिए भी यह सदा से प्राथमिकता रही है। सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया है। जबकि सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाएं जैसे बेटी है अनमोल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना, नारी सेवा सदन, गृहिणी सुविधा योजना तथा स्वावलंबन योजना आदि सुनिश्चित करती हैं कि राज्य में विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों की बेटियों और महिलाओं को अनुकूल और सुरक्षित वातावरण प्राप्त होने के अलावा उनकी विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हो। इस दिशा में सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं न केवल शुरू कीं, बल्कि इन योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए निरंतर प्रतिबद्धता से कार्य भी किया है।

राज्य सरकार ने बच्चियों का सही लालन-पालन, उन्हें आरामदेह परिवेश, महिलाओं को सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त सुगम व विश्वासयोग्य वातावरण, लैंगिक समानता और बाल केन्द्रित कानूनों, नीतियों एवं कार्यक्रम तैयार करने और एकरूपता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निरंतर कार्य किया है। सरकार द्वारा चलाया गया 'नारी को नमन' कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक साकारात्मक पहल सिद्ध हो रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी महिलाओं को हिमाचल पथ परिवाहन निगम की बसों में किराये में 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की जा रही है। इस योजना से निगम की बसों में प्रति दिन यात्रा करने वाली लगभग 1.25 लाख महिलाओं को राहत मिल रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार लगभग 60 करोड़ रुपये वार्षिक व्यय करेगी।

Denne historien er fra October 16, 2022-utgaven av Panchjanya.

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