जहर उगल रहा ‘खालिस्तानी अमृत'
Panchjanya|November 13, 2022
पंजाब में पिछले कुछ समय से खालिस्तानी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इस सबके पीछे 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह है, जो खुलेआम लोगों को भड़का रहा है। उसे विदेश से संचालित सोशल मीडिया हैंडलों में कट्टरपंथियों द्वारा एक ‘नायक' के रूप में पेश किया जा रहा
राकेश सैन
जहर उगल रहा ‘खालिस्तानी अमृत'

भारत के सुरक्षा बलों के सद्प्रयासों के बावजूद पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब में हथियार व नशीले पदार्थों की आपूर्ति हो रही है जो चिन्ता पैदा करने वाली बात है। लेकिन इससे भी भयावह खबर यह है कि राज्य में एक व्यक्ति इन हथियारों को चलाने वाले 'हाथ' गढ़ने में लगा है। उसके बोलने, चलने व बात करने की शैली खालिस्तानी आतंक के सरगना जरनैल सिंह भिंडरांवाला से मिलती है या कह लें, वह वैसा अभिनय करने का प्रयास करता है। भिंडरांवाला की तरह उसके साथ भी हथियारबंद लोग रहते हैं और युवा उसके कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में जुटते हैं। कहने को तो वह अमृतसंचार व खण्डे बाटे की पहुल छकाने (कथा और अमृतपान करवाने का काम करता है, परन्तु युवाओं को देश व अपनी ही सरकारों के खिलाफ हथियार उठाने को उकसाता है। सिखों पर कपोलकल्पित अत्याचार व झूठीसच्ची खबरों को आधार बनाकर युवाओं के मनों में जहर भरा जाता है। जनचर्चा से लेकर मुख्यधारा मीडिया व विदेश से संचालित सोशल मीडिया में कट्टरपंथियों द्वारा उसे एक नायक के रूप में पेश किया जाने लगा है। इस अलगाववादी तत्व का नाम है अमृतपाल सिंह जो 'वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया बनकर अपने आप को जत्थेदार भी बुलवाने लगा है। वह अपनी विषैली जुबान से युवाओं को भड़काने के साथ देश के खिलाफ हथियार उठाने को उकसाता है।

Denne historien er fra November 13, 2022-utgaven av Panchjanya.

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