दुनिया के चहेते माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को भारत का पहला माइक्रोब्लॉगिंग मंच 'कू' कड़ी टक्कर दे रहा है। अभी तक दुनिया में 5 करोड़ से अधिक डाउनलोड के साथ यह बहुभाषीय एप दूसरे स्थान पर है। इसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए लगता है कि जल्दी ही यह ट्विटर को पीछे छोड़ देगा। ट्विटर की तरह 'कू' भी अपने यूजर्स को पोस्ट शेयर, फॉलो और मैसेज करने जैसी सुविधाएं देता है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ट्विटर के विकल्प के तौर पर 14 नवंबर, 2019 को 'कू' अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने विकसित किया। कोरोना महामारी के दौरान मार्च, 2020 में इसे बाजार में उतारा गया। 'कू' एप आत्मनिर्भर भारत 'इनोवेशन चैलेंज' का विजेता भी रह चुका है।
ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क तानाशाह जैसा बर्ताव कर रहे हैं। कंपनी के कर्मचारियों को न उनका फरमान रास आ रहा है। और न ही ट्विटर पर किए जा रहे बदलाव ही उपयोगकर्ताओं को पसंद आ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के दौरान ट्विटर पर मतदाताओं से रिपब्लिकन पार्टी को वोट देने की अपील की थी। पार्टी विशेष का समर्थन करने से ट्विटर के निष्पक्ष होने पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में एलन मस्क ने ब्लू टिक के लिए 7.99 डॉलर की मांग रख दी। उन्होंने ट्विटर का मालिक बनते ही कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल सहित शीर्ष चार अधिकारियों को निकाल दिया और कंपनी के बोर्ड को भी भंग कर दिया। अब उन्होंने भारत में ट्विटर की पूरी टीम सहित 3,700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। भारत में ट्विटर के करीब 250 कर्मचारी थे। इन कारणों से ट्विटर में उथल-पुथल है, जिसका लाभ 'कू' को मिल रहा है । 'कू' की शुरुआत कन्नड़ भाषा में हुई थी, पर बाद में हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, असमिया, मराठी, बांग्ला, गुजराती, पंजाब और हौसा भाषाएं जोड़ी गईं। फिर दुनियाभर में अपनी पहुंच बनाने के लिए कंपनी ने अरबी, स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, कोरियाई और जापानी सहित 10 भाषाओं में सेवाएं शुरू कीं।
ब्राजील में 48 घंटे में ही शीर्ष पर
Denne historien er fra December 04, 2022-utgaven av Panchjanya.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 04, 2022-utgaven av Panchjanya.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई