आईटी में कामयाबी के मायने और भारत
Panchjanya|January 01, 2023
भारत के आईसीटी क्षेत्र में बदलाव आ रहा है। विश्वव्यापी आर्थिक ठहराव के दौर में भारत में अवसरों का प्रस्फुटन विश्व के लिए भी एक उम्मीद जगाता है
बालेन्दु शर्मा दाधीच
आईटी में कामयाबी के मायने और भारत

सूचना और संचार तकनीक (आईसीटी) की दुनिया में 'कामयाबी' का मतलब क्या है ? यहां मैं उन देशों को कामयाब मानूंगा जो इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करते हुए बेहतर परिणाम देने में सफल रहे हैं। जिन्होंने अपने नागरिकों की बेहतरी के लिए सूचना क्रांति का अधिकतम लाभ उठाया, आईसीटी के क्षेत्र में अधिक उत्पाद विनिर्मित किए, सॉफ़्टवेयरों, हार्डवेयरों तथा सेवाओं के बाजार का बेहतरीन दोहन किया, तकनीकी शिक्षा का बड़े पैमाने पर प्रसार किया, लोगों के बीच तकनीकी महत्वाकांक्षा पैदा की, इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किए, दमदार स्टार्टअप तथा बड़े ब्रांड खड़े किए और आईसीटी को अपनी अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ में तब्दील कर दिया। भले ही शोध और अनुसंधान किसी दूसरे देश में हुआ हो, भले ही प्रौद्योगिकी किसी अन्य राष्ट्र से हासिल की गई हो किंतु परिणाम जिस देश ने बड़ा दिखाया, वह अधिक कामयाब कहलाएगा। ऐसे देशों में अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन जैसे देश तो हैं ही, ताइवान जैसे छोटे देशों ने भी अपना दमखम दिखाया है। भारत ने सेवाओं के क्षेत्र में स्वयं को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है लेकिन सॉफ्टवेयर विकास तथा हार्डवेयर विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अभी बहुत पीछे है।

Denne historien er fra January 01, 2023-utgaven av Panchjanya.

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होली का रंग तो बनारस में जमता था
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होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश

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March 12, 2023
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