नीति में खोट, नदियों पर चोट
Panchjanya|PANCHJANYA 12 Feb 2023
वर्ष 2018 तक बिहार की 6 नदियां प्रदूषित थीं, लेकिन 2022 में इसमें तीन गुना वृद्धि हुई। नतीजतन, 2022 तक राज्य की 18 नदियों का पानी जहरीला हो गया, लेकिन राज्य सरकार अभी इस पर ध्यान नहीं दे रही
शिवेन्द्र राणा
नीति में खोट, नदियों पर चोट

मानव इतिहास के तथ्यगत विवरण के अनुसार, सभ्यता का उद्गम नदियों के किनारे हुआ, परंतु यह भी सत्य है कि अपने उन्नयन के साथ यही सभ्यता नदियों की हंता भी बनी है। बिहार ने इसी सत्य को प्रमाणित किया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में पिछले चार वर्ष में प्रदूषित नदियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की 6 नदियां प्रदूषित थीं, जिनकी संख्या 2022 में बढ़कर 18 हो गई। राज्य के 40 से अधिक स्थानों पर की गई जांच में इन 18 नदियों का पानी गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। ये नदियां हैं- बागमती, बूढ़ी गंडक (सिकरहना), दाहा, धौस, गंडक, गंगा, गांगी, घाघरा, हरबोरा, कोहरा, लखनदेई, मनुस्मार, परमार, कमला, पुनपुन, रामरेखा, सरसिया, सोन। स्वास्थ्य अवसंरचना की कमी एवं कुपोषण से जूझते 'बीमारू' राज्य के लिए यह खतरनाक स्थिति है। 2018 में जब यह रिपोर्ट आई थी, उसी समय राज्य सरकार को नीतियों में सुधार कर नदियों के प्रदूषण की रोकथाम के में लिए प्रभावी उपाय करने चाहिए थे, लेकिन इसके बजाय उसकी नीतियां एवं कार्यशैली पश्चगामी रही हैं। यहां समस्या धन-संसाधन की कमी की नहीं, बल्कि राज्य सरकार की अकर्मणयता है। उदाहरणस्वरूप, राजधानी पटना में सीवरेज अवसंरचना को मजबूत करने के लिए बीते चार वित्त वर्ष में 684 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, लेकिन कैग रिपोर्ट के अनुसार बिहार स्टेट गंगा रिवर कंजर्वेशन एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट सोसाइटी (बीजीसीएमएस) इस धन का पूरी तरह इस्तेमाल ही नहीं कर सकी। सरकारी तंत्र की काहिली देखिये कि 2016-17 से 2019-20 के बीच केवल 16 से 50 प्रतिशत निधि का ही उपयोग हुआ। नतीजतन, इन चार वर्षों में गंगा का पानी 1800 गुना अधिक प्रदूषित हो गया। बिहार में सीवरेज अवसंरचना नहीं है और नालों का पानी सीधे नदियों में गिरता है। जल प्रदूषण की भयावहता का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि 2016-17 में नदियों के पानी में टीसी (टोटल कॉलीफॉर्म) और एफसी (फीकल कॉलीफॉर्म) का स्तर क्रमशः 9000 एमपीएन / 100 मि.ली. व 3100 एमपीएन / 100 मि.ली. था, जो 2019-20 में बढ़कर 160,000 एमपीएन / 100 मि.ली. हो गया। सामान्य पेयजल में एफसी की मात्रा शून्य होनी चाहिए।

Denne historien er fra PANCHJANYA 12 Feb 2023-utgaven av Panchjanya.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra PANCHJANYA 12 Feb 2023-utgaven av Panchjanya.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA PANCHJANYASe alt
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
Panchjanya

शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता

रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे

time-read
2 mins  |
March 12, 2023
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
Panchjanya

शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!

वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !

time-read
2 mins  |
March 12, 2023
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
Panchjanya

कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की

कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे

time-read
3 mins  |
March 12, 2023
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
Panchjanya

फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा

अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है

time-read
3 mins  |
March 12, 2023
होली का रंग तो बनारस में जमता था
Panchjanya

होली का रंग तो बनारस में जमता था

होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश

time-read
3 mins  |
March 12, 2023
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
Panchjanya

आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन

भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है

time-read
4 mins  |
March 12, 2023
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
Panchjanya

नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा

नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

time-read
3 mins  |
March 12, 2023
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
Panchjanya

सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल

त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा

time-read
4 mins  |
March 12, 2023
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
Panchjanya

जीवनशैली ठीक तो सब ठीक

कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया

time-read
5 mins  |
March 12, 2023
नाकाम किए मिशनरी
Panchjanya

नाकाम किए मिशनरी

भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई

time-read
2 mins  |
March 12, 2023