महर्षि योगी अरविन्द
Kendra Bharati - केन्द्र भारती|Kendra Bharati - August 2022 Issue
१५ अगस्त जयन्ती पर विशेष
प्रियंवदा पांडे
महर्षि योगी अरविन्द

डॉक्टर कृष्णधन घोष चाहते थे कि उनके बच्चे इंडियन सिविल सर्विस (ICS) में कार्य करें और समाज के सबसे प्रतिष्ठित वर्ग में सम्मिलित हो । वे मानते थे कि अंग्रेज भारतीयों से हर प्रकार से श्रेष्ठ हैं और इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को न भारतीय रीति-रिवाजों के प्रति, न ही अपनी मातृभाषा बंगाली सीखने के लिए प्रोत्साहित किया । अतः बच्चे आपस में अंग्रेजी ही बोलते थे। सेवक वर्ग से बात करते हुए, जैसे-तैसे हिन्दी बोल लेते थे । ICS बनने के लिए इंग्लैंड में ही पढ़ाई करना आवश्यक था इसलिए सन १८७६ में उनको इंग्लैंड भेजा गया। वे १४ वर्षों तक न केवल अपनी मातृभूमि से दूर विदेश में रहे अपितु उसी वातावरण में शिक्षा अर्जित की, उनकी इच्छा हो या न हो उनको ईसाई मत के ही पाट पढ़ाए गए। उनके संवेदनशील मन पर, जीवन के उस संस्कारक्षम काल में क्या परिणाम हुआ હોર વે ને મારત करते और ब्रिटिश राज के घृणा प्रशंसक बन जाते तो उसमें कोई आश्चर्य नहीं करता। परन्तु उनकी अद्भुत देशभक्ति और धर्म के प्रति श्रद्धा को देखकर सब विस्मयचकित रह जाते हैं!

डॉक्टर घोष के तृतीय पुत्र थे श्री अरविन्द घोष जो १५६३ में भारत लौटे। जिन्होंने बड़ौदा संस्थान में अलग-अलग दायित्व निभाए। पत्रकार तथा क्रान्तिकारी बनकर भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में सहभागी हुए और अंततः योगशास्त्र और अध्यात्म के क्षेत्र में साधना करने के कारण अरविन्द "महर्षि योगी अरविन्द" के रूप में विश्वविख्यात हुए।

Denne historien er fra Kendra Bharati - August 2022 Issue-utgaven av Kendra Bharati - केन्द्र भारती.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra Kendra Bharati - August 2022 Issue-utgaven av Kendra Bharati - केन्द्र भारती.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA KENDRA BHARATI - केन्द्र भारतीSe alt
प्रेमकृष्ण खन्ना
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

प्रेमकृष्ण खन्ना

स्थानिक विभूतियों की कथा - २५

time-read
6 mins  |
July 2023
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'

मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :

time-read
7 mins  |
July 2023
जब प्राणों पर बन आयी
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

जब प्राणों पर बन आयी

एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।

time-read
1 min  |
July 2023
देव और असुर
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

देव और असुर

बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।

time-read
2 mins  |
July 2023
हर्षित हो गयी वानर सेना
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

हर्षित हो गयी वानर सेना

श्री हनुमत कथा-२१

time-read
4 mins  |
July 2023
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

पण्डित चन्द्र शेखर आजाद

क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा

time-read
6 mins  |
July 2023
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय

भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।

time-read
6 mins  |
July 2023
समान नागरिक संहिता समय की मांग
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

समान नागरिक संहिता समय की मांग

विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।

time-read
7 mins  |
July 2023
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द

\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"

time-read
5 mins  |
July 2023
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष

time-read
5 mins  |
July 2023